वर्ष 2019 में हिन्दी की 10 सशक्त रचनाकार, जिन्हें पाठकों ने खूब प्यार दिया

नवीन रांगियाल
हिन्‍दी साहित्‍य में सिर्फ पुरुषों का ही आधिपत्‍य नहीं है, इस बात को जाते हुए साल 2019 ने बहुत हद तक साबित भी किया है। इस साल लेखन में कई लेखिकाएं एक सशक्‍त हस्‍ताक्षर बनकर उभरी हैं तो कुछ ने पुख्‍ता तरीके से अपनी जगह बनाकर अपना नाम साहित्‍य में दर्ज किया है। इस दौर में उनकी कविता की जहां चर्चा है तो वे उपन्‍यास विधा में भी गंभीर तरीके से आगे आई हैं। जानते हैं इस साल की सबसे ज्‍यादा चर्चित महिला कवयित्री और लेखिकाओं के बारे में।
अनामिका
अनामिका हिन्‍दी कविता में एक चर्चित और बड़ा नाम है। रूसी भाषा में उनकी कविताओं का अनुवाद हो चुका है। वे खुद भी अंग्रेजी से अनुवाद करती रही हैं। अब तक उनके 6 कविता संग्रह आ चुके हैं। वे चर्चित आलोचक और गद्यकार भी हैं। राजकमल प्रकाशन से उनका एक नया उपन्‍यास ‘आइनासाज’ जल्‍द ही प्रकाशित होगा। बीते साल अनामिका की कविताएं खूब पसंद की गईंं। 
गीताश्री
गीताश्री के इस कहानी संग्रह ‘भूतखेला’ में बेहद दिलचस्‍प किस्‍से हैं। वाणी प्रकाशन से आए भूतखेला एक ऐसा संग्रह है जिसमें पाठक कई-कई तरह के भूतों से परिचय करता है। लेखिका अपनी कहानियों से सोए हुए भूत और आत्‍माओं को जगाना चाहती हैं। इन्‍हीं दिनों उनकी नई किताब ‘वाया मीडिया’ से वे एक बार फिर से चर्चा में हैं। 90 के दशक की महिला पत्रकार की कहानियां इस किताब में हैं। मीडिया नाम आते ही इसके प्रति रोमांच भी बढ़ जाता है। इस विषय पर गीताश्री को पढ़ना दिलचस्‍प होगा। बीते साल गीताश्री अपनी रचनाओं की वजह से छाई रहीं। साहसी और बेबाक लेखनी ही उनकी खास पहचान है। 
मनीषा कुलश्रेष्‍ठ
इसी साल प्रकाशित मनीषा कुलश्रेष्‍ठ का उपन्‍यास ‘मल्‍लिका’ भारतेंदु हरीशचंद्र और उनकी बंगाली प्रेमिका की कहानी है। इस उपन्‍यास की किरदार मल्‍लिका एक बाल विधवा है। वह बंगाल छोड़कर काशी चली आती हैं, लेकिन यहां मल्‍लिका और भारतेंदु के बीच प्रेम हो जाता है। बहुत अद्भभुत और खूबसूरत तरीके से इस प्रेम कहानी को मनीषा ने रचा और कसा है। इसके पहले भी वे अपने उपन्‍यास किरदार, शालभंजिका और शिगाफ समेत अपनी कहानियों के लिए चर्चा में रह चुकी हैं। लीलण इनकी झकझोर देने वाली कहानी है जिसकी पिछले दिनों सोशल मीडिया पर खासी चर्चा रही। मनीषा को चाहने वालों का एक खास वर्ग है। एक ऐसा वर्ग जो शिल्प और अभिव्यक्ति के कुशल संगम को पसंद करता है। 
रश्‍मि भारद्वाज
दिल्‍ली की रहने वाली कवि और लेखिका रश्‍मि भारद्वाज की कविताओं में स्‍त्री पीड़ा नजर आती है। वे स्त्री मुद्दे, युवा स्‍त्रियों की चुनौतियों और उनके अनुभवों को अपनी कविता के बिंब बनाती हैं। वे अपने इन बिंब के साथ ही अपनी भाषा के लिए काफी लोकप्रिय हैं। उनकी कविता का पहला संकलन ‘एक अतिरिक्‍त अ’ ज्ञानपीठ नवलेखन के तहत प्रकाशित हो चुका है जिसे बेहद सराहा गया था। उनका दूसरा कविता संग्रह ‘मैंने अपनी मां को जन्‍म दिया है’ नए साल में सेतु प्रकाशन से प्रकाशित होगा। उनकी कविताओं और अनुवाद समेत कई अन्‍य रचनाएं देश की प्रतिष्‍ठित साहित्‍यिक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। 
वंदना राग
वंदना राग उपन्‍यासकार और कहानीकार हैं। अपनी कहानियों से वे अक्‍सर चर्चा में रहती हैं। कहानियों से सामयिक मुद्दे उठाती हैं। वे समकालीन कहानी में एक प्रतिष्‍ठित नाम हैं। वंदना राग का पहला उपन्‍यास राजकमल प्रकाशन से आएगा। अच्‍छी कहानीकार होने से उनके नए उपन्‍यास ‘बिसात पर जुगनू’ की प्रतीक्षा है। 
प्रत्‍यक्षा सिन्‍हा
‘बारिशगर’ उपन्यास स्त्री-विमर्श के इर्द-गिर्द घूमता है। यह बताता है कि आधुनिक स्त्री अपने जीवन से जुड़ींं यातनाओं और संघर्ष से मुक्‍त नहीं हो सकी है। उपन्‍यास की कहानी स्त्री का संघर्ष और रिश्‍तों की उधेड़बुन बयां करती है। प्रत्‍यक्षा सुंदर गद्य लिखती हैं, उसका इंप्रेशन उनके इस नॉवेल में झलकता है। हाल ही में उनका नया उपन्‍यास आया है, ‘तैमूर तुम्‍हारा घोड़ा किधर है’। प्रत्यक्षा की लेखनी को युवा वर्ग में खासा पसंद किया जा रहा है। 
आकांक्षा पारे
‘मैं और मेरी कहानियां’ आकांक्षा पारे का कहानी संग्रह है। यह संग्रह कौटिल्‍य प्रकाशन से आया है। लेखन में आकांक्षा के खाते में कई सम्‍मान हैं। उनकी यह किताब साल 2018 के अंत में प्रकाशित हुई थी। वे एक पत्रकार के तौर पर काम कर चुकी हैं, लेकिन एक लेखक और कथाकार के तौर पर उन्‍हें पढ़ना बेहद दिलचस्‍प है। समकालीन कहानी का चर्चित और विशिष्ट कृष्ण प्रताप कथा सम्मान 2019 उनके कहानी संग्रह 'बहत्तर धड़कनें-तिहत्तर अरमान' को दिया गया। इसके अतिरिक्त भी कई सम्मान उनकी झोली में हैं। 'तीन सहेलियां, तीन प्रेमी' और 'कंट्रोल ऑल्ट डिलीट' उनकी चर्चित रचनाएं हैं। इस संभावनाशील युवा लेखिका को पिछले दिनों नए पाठकों ने हाथोहाथ लिया और सराहा है। 
बाबुषा कोहली
बाबुषा कोहली मध्यप्रदेश के कटनी में जन्‍मी हैं। बहुत कम उम्र से ही कविताएं लिखने लगीं और पत्र-पत्रिकाओं में छपने भी लगीं। उनका पहला-पहला कविता-संग्रह 'प्रेम गिलहरी दिल अखरोट' भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित हुआ। उनकी एक किताब 'बावन चिट्ठियां : ब्रह्मांड नाम के महाजन से शून्य का हिसाब है प्रेम' नाम से आई। उन्‍हें दसवां भारतीय ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार मिल चुका है। अपने अलग अलहदा अंदाज की कविताओं के लिए वे हमेशा चर्चा में बनी रहती हैं। बीते वर्ष इन्हें युवा वर्ग से भरपूर प्यार मिला है।
जयंती रंगनाथन
वाणी प्रकाशन से आई ‘रूह की प्‍यास’ हॉरर लस्‍टी कहानियों का संग्रह है यानी डर और कामुकता इस किताब और उसकी कहानियों के केंद्र में है। यह लेखन में एक नया जॉनर है। ऐसे बेबाक विषय पर संभवत: पहली बार लिखा गया है। इसमें डर भी लगता है और कामुकता भी महसूस होती है। साहित्‍य की बंधी-बंधाई शैली से कुछ अलग पढ़ना दिलचस्‍प हो सकता है।
इंदिरा दांगी 
मध्‍यप्रदेश की लेखिका इंदिरा दांगी बहुत बेबाक कहानीकार हैं। वे अपने आसपास के जीवन और संघर्ष से कहानियों की प्रेरणा लेती हैं। उनका मानना है कि जिसके जीवन में संघर्ष ज्‍यादा होगा, उसके पास कहानियां भी ज्‍यादा होंगी। अपनी कहानियों में स्‍त्री को भी एक मनुष्‍य के तौर पर वे प्रस्‍तुत करती हैं। वे कहती हैं कि रचना खुद लेखक के पास चलकर आती है। हिन्‍दी कहानी में इंदिरा ने अपनी विशिष्‍ट पहचान बनाई है। इंदिरा ने हवेली सनातनपुर, रपटीले राजपथ (उपन्यास), बारहसिंगा का भूत, शुक्रिया इमरान साहब (कहानी), आचार्य (नाटक) लिखे हैं। इंदिरा की रचनाओं की नायिका अपनी मर्यादा में रहकर आत्मविश्वास से भरपूर नजर आती है। उनकी तरह ही उनकी नायिकाएं भी मुखर हैं। बीते वर्ष उनकी कई रचनाएं चर्चा के केंद्र में रहीं।
 

सम्बंधित जानकारी

क्या प्रोटीन सप्लीमेंट्स लेने से जल्दी आता है बुढ़ापा, जानिए सच्चाई

चेहरे की ड्राईनेस को दूर भगाने के लिए लगाएं इन सब्जियों का रस, बदल जाएगी रंगत

पीसीओएस में हार्मोन संतुलन और वजन घटाने में बहुत फायदेमंद है ये कमल ककड़ी ड्रिंक, जानिए बनाने की सही विधि

कीमोथैरेपी से सूखे हिना खान के नाखून, जानिए किन होम रेमेडीज से कैंसर पेशेंट्स पा सकते हैं इस समस्या से राहत

बसौड़ा 2025: सप्तमी-अष्टमी के व्यंजन, इन पकवानों से लगाएं शीतला माता को भोग

बाल कविता : चलो मार्निंग वॉक पर

रानी अवंतीबाई लोधी कौन थीं, जानिए बलिदान की कहानी

एकनाथ छठ क्यों मनाई जाती है, जानिए संत के बारे में 5 खास बातें

अपनों का दिन बनाएं मंगलमय, भेजें सुन्दर आध्यात्मिक सुप्रभात् संदेश

रात को शहद में भिगोकर रख दें यह एक चीज, सुबह खाने से मिलेंगे सेहत को अनगिनत फायदे

अगला लेख