खलल, बिगड़ती दिनचर्या का नतीजा है

वंदना दवे
भारतीय दर्शन से हमें इस देश की विशालता दिखाई देती है। जहां चार्वाक के दर्शन रिणं कृत्वा घ्रणं पित्वा को भी मान्यता दी गई और महावीर और बुद्ध के वैराग्य को भी। जहां पुनर्जन्म की बात भी मानी और एक जीवन की भी। जहां ज्ञान मार्ग भी है और कर्मकांड को भी माना गया।

इस देश की तासीर ही ऐसी है कि यह सर्दी गर्मी और बरसात का भरपूर आनंद लेता है। भिन्न-भिन्न वनस्पति इस देश की खासियत है। सबसे बड़ी बात यह देश मजहबों का पोषक देश है, जहां हर धर्म कुछ यहां से लेता है और खुद कुछ देता है। इसलिए धर्म से जुड़े कर्मकांड कई बार एक से दिखाई देने लगते हैं। इस तरह यहां बसने वाले हर धर्म का ताना बाना है।

यदि आपको सुबह की अजान सोने नहीं देगी, तो निश्चित तौर पर सुबह मंदिरों से आती घंटियों की आवाजें और आरती भी खलल पैदा करेंगी। यह खलल आपकी बिगड़ती दिनचर्या का नतीजा है न कि ये आवाजें। इस देश के मिजाज को बदलने में बहुत कुछ समाप्त हो जाएगा। इसलिए जो लोग इस तरह की बातें कर रहे हैं उनकी बातों को कतई तवज्जो न दें।

Show comments

इन विटामिन की कमी के कारण होती है पिज़्ज़ा पास्ता खाने की क्रेविंग

The 90's: मन की बगिया महकाने वाला यादों का सुनहरा सफर

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है नारियल की मलाई, ऐसे करें डाइट में शामिल

गर्मियों में ये 2 तरह के रायते आपको रखेंगे सेहतमंद, जानें विधि

गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों के साथ जा रहे हैं घूमने तो इन 6 बातों का रखें ध्यान

कार्ल मार्क्स: सर्वहारा वर्ग के मसीहा या 'दीया तले अंधेरा'

राजनीति महज वोटों का जुगाड़ नहीं है

जल्दी निकल जाता है बालों का रंग तो आजमाएं ये 6 बेहतरीन टिप्स

मॉरिशस में भोजपुरी सिनेमा पर व्‍याख्‍यान देंगे मनोज भावुक

गर्मी के मौसम में कितनी बार सनस्क्रीन लगाना चाहिए, जानिए सही समय

अगला लेख