34 भाषाओं के 279 कवियों की ‘कविताओं’ पर होगा ‘गुलजार के अनुवाद का जायका’

नवीन रांगियाल
गुलजार अपने कहन के अंदाज और अदा के लिए जाने जाते हैं। चाहे वो कविता की बात हो या किस्‍सों की। उनकी इस अदा की छाप उनकी किताबों और फि‍ल्‍मों में नजर भी आती है।

वे हर बार कुछ अनोखा कर के चौंका देते हैं। बात कविता की हो तो उनके लफ्जों में गुड़ की महक और उसका जायका महसूस होने लगता है। एक बार फि‍र से गुलजार ने कुछ ऐसा ही किया है।

34 भाषाओं के कवियों की लिखी कविताएं होगीं, लेकिन उन पर गुलजार के अनुवाद का स्‍वाद होगा यानि गुलजार के ट्रांसलेशन का जायका।

हार्पर कॉलि‍न्‍स पब्‍लिशिंग हाउस से जल्‍द ही यह किताब आने वाली है, हाल ही में उसकी घोषणा हुई है। साहित्‍य और कविता प्रेमि‍यों के लिए यह एक ऐसा दस्‍तावेज होगा, जो पूरे साल तक उनके अंर्तमन की यात्रा में उनके साथ-साथ चलेगा।

अ पोएम अ डे शीर्षक से इस किताब में 1947 से अब तक अलग-अलग भाषाओं में लिखी गई कवि‍ताएं होगीं। देशभर के अलग-अलग राज्‍यों की 34 भाषाओं के 279 कवियों की इन कविताओं को गुलजार ने ट्रांसलेट किया है, जिससे यह सारी कविताएं एक भाषा में एक जगह पर एकत्र होकर एक दस्‍तावेज के रूप में पाठक के पास पहुंचे।

यह कंटेम्‍परेरी पोएम का एक महत्‍वपूर्ण दस्‍तावेज होगा। राज्‍यों की सीमा और भाषा की देहरी को लांघकर बनाई गई यह किताब एक सहेजने वाला दस्‍तावेज साबि‍त होगा, क्‍योंकि एक किताब में इतनी भाषाओं के कवि कभी इस तरह एक साथ पढ़ने को नहीं मिले हैं।

खास बात है कि पूरे एक साल के वक्‍त को ध्‍यान में रखते हुए इसमें 356 कविताएं शामिल की गई हैं, यानि‍ एक दिन की एक कविता। कविताओं का चयन खुद गुलजार ने किया है।

जिन भाषाओं के कवियों को इसमें शामिल किया गया है, उनमें संस्‍कृत, संबलपुरी, राजस्‍थानी, सिंधी, तमिल, गुजराती, हिंदी, मगधी, कन्‍नड़, भोजपुरी, मराठी, मैथि‍ली, मणि‍पुरी, ओड़ि‍‍या, पंजाबी, तेलगू, ति‍ब्‍बती, उर्दू भुटानी, डोगरी, अंग्रेजी, कश्‍मीरी, खासी, कोकबोरोक, कोंकणी, कोंकना, लद्दाखी, मलयालम, बांग्‍ला और आसामी है।

हिंदुस्‍तान की इन तमाम जबानों को सम‍र्प‍ित की गई इस किताब में इन सभी भाषाओं की महक होगी, वो भी गुलजार के अनुवाद के जायके के साथ तो इसके रचनात्‍मक प्रभाव के आलम का अंदाजा लगाना मुश्‍क‍िल होगा।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

इस Mothers Day अपनी मां को हाथों से बनाकर दें ये खास 10 गिफ्ट्स

मई महीने के दूसरे रविवार को ही क्यों मनाया जाता है Mothers Day? जानें क्या है इतिहास

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

इन विटामिन की कमी के कारण होती है पिज़्ज़ा पास्ता खाने की क्रेविंग

गर्मियों में ये 2 तरह के रायते आपको रखेंगे सेहतमंद, जानें विधि

Chanakya niti : यदि सफलता चाहिए तो दूसरों से छुपाकर रखें ये 6 बातें

Mothers Day 2024 : मदर्स डे पर पढ़ें इतिहास, शायरी, कविताएं और रोचक जानकारी एक साथ

रिश्ते से खुश नहीं है आपका पार्टनर!

टीनेजर्स को रोज करना चाहिए ये 5 योगासन, हारमोंस रहेंगे बैलेंस

शादी से पहले पार्टनर से जरूर पूछें ये 5 सवाल

अगला लेख