पश्चिम में एक समय में बहुत-सी महानतम साहित्यिक कृतियों की रचना हु ई, जो अपने देश-काल की सीमाओं को लाँघकर युगों तक फैल गई। जो मानवीय त्रासदियाँ इन किताबों की पृष्ठभूमि थ ी, दरअसल उनका विस्तार किसी भौगोलिक सीमा में नहीं बँधा था। पूरी दुनिया उससे एकाकार थी और उन त्रासदियों ने समूचे विश्व की मनुष्य जाति को एक दिशा दी। जैसे रोम की दासता का यु ग, नेपोलियन बोनापार्ट की हिंसक चढ़ा ई, दो-दो महायुद् ध, नागासाकी-हिरोशिम ा, जर्मनी में नाजियों का कहर या श्वेतों के खिलाफ अश्वेतों का संघर्ष - इनके व्यापक असर पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रहे थे ।
इन्हीं घटनाओं की पृष्ठभूमि पर ऐसे उपन्यासों की रचना हु ई, जिनकी महक और ताजगी अब भी बरकरार है। सन् 1936 में ऐसा ही एक उपन्यास प्रकाशित हुआ थ ा, जिसका जिक्र आज भी उसी शिद्दत के साथ किया जाता है। यह उपन्यास था - मारग्रेट मिशेल रचित ‘गॉन विद द विं ड ’। उपन्यास की पृष्ठभूमि थ ी, अमरीका का गृहयुद्ध। अब्राहम लिंकन के नेतृत्व में रंग-भेद को समाप्त करने के लिए लड़ा जा रहा एक युद् ध, जिसने उत्तरी और दक्षिणी अमरीका के साधारण जन-जीवन की जड़ें हिलाकर रख दी थीं।
पूरी दुनिया में आज तक और किसी उपन्यास को इतनी भारी मात्रा में सफलता और ख्याति नहीं मिल ी, जितनी ‘गॉन विद द विं ड ’ को। यह उपन्यास अपने विशाल कैनवा स, कथानक और चरित्र-चित्रण की दृष्टि से बेजोड़ ह ै, और अपनी असाधारण प्रेम-कथा के लिए भी ।
विश्व की यह महान कृति अब हिंदी अनुवाद में हिंदी पाठकों के लिए भी उपलब्ध है। संवाद प्रकाशन, आई - 499, शास्त्रीनगर, मेरठ - 250 004 से ‘गॉन विद द विंड' का हिंदी अनुवाद प्रकाशित हुआ है।
पूरी दुनिया में आज तक और किसी उपन्यास को इतनी भारी मात्रा में सफलता और ख्याति नहीं मिली, जितनी ‘गॉन विद द विंड’ को। यह उपन्यास अपने विशाल कैनवास, कथानक और चरित्र-चित्रण की दृष्टि से बेजोड़ है, और अपनी असाधारण प्रेम-कथा के लिए भी।
‘गॉन विद द विं ड’ जब पहली बार प्रकाशित हु आ, तभी इसने बिक्री के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। छ: महीने के भीतर ही इस किताब की 10 लाख से ज्यादा प्रतियाँ बिक चुकी थीं। यहाँ तक की एक दिन में 50,000 प्रतियों की बिक्री का रिकॉर्ड भी ‘गॉन विद द विं ड’ के खाते में दर्ज है। आने वाले तीस सालों में लगातार लोकप्रियता की सूची में इस उपन्यास का नाम शीर्ष पर था।
‘गॉन विद द विं ड’ के बाद अन्य कोई कृति लोकप्रियता के इस दर्ज रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाई। इस उपन्यास पर इसी नाम से एक फिल्म भी बनी थ ी, जो हॉलीवुड की क्लासिक फिल्मों में शुमार की जाती है। क्लार्क गेबल और विवियन ली ने इसमें प्रमुख भूमिकाएँ निभाई थीं।
‘गॉन विद द विं ड ’ कहानी ह ै, दक्षिणी अमरीका में रहने वाली एक संपन्न जमींदार परिवार की लड़की स्कारलेट ओ हारा और ऐशली बिल्किस के प्रति उसके अप्रतिम रोमानी प्रेम की। अमरीका का गृहयुद्ध कथानक की पृष्ठभूमि में है। भयान क, तूफानी युद्ध ने गाँव-के-गाँ व, शहर-के-शहर उजाड़ दिए। घ र, खे त, मकान सब जलकर खा क, जाने कितने कारवाँ उजड़ ग ए, परिवार बिखर गए ।
इस समूचे विध्वंस की जमीन पर एक नए रंग भेद मुक्त अमरीका का निर्माण हो रहा है। ‘गॉन विद द विं ड ’ युद्ध के दौरान दक्षिण के जीव न, वहाँ की संस्कृति और युद्ध की चपेट में भस्म होते जाते मनुष्य की महागाथा है। जीवन के परिवर्तन स्कारलेट ओ हारा और ऐशली बिल्किस को कहाँ-से-कहाँ ले जाते हैं। जीवन किस तरह बदलता है और अपने साथ कितने अनुभव और पाठ लेकर आता है।
‘गॉन विद द विंड’ कहानी है, दक्षिणी अमरीका में रहने वाली एक संपन्न जमींदार परिवार की लड़की स्कारलेट ओ हारा और ऐशली बिल्किस के प्रति उसके अप्रतिम रोमानी प्रेम की। अमरीका का गृहयुद्ध कथानक की पृष्ठभूमि में है।
उपन्यास की लेखिका मारग्रेट मिशेल वस्तुत: लेखिका नहीं थी। वह ‘अटलांटा जनर ल ’ नामक एक अखबार की रिपोर्टर थ ी, लेकिन मात्र 26 वर्ष की आयु में टखने की एक गंभीर चोट के कारण मारग्रेट का जीवन अपाहिज हो गया। अब दिन-रात बिस्तर पर पड़े रहना ही उसकी नियति थी। वहीं बिस्तर पर पड़े-पड़े उसने ‘गॉन विद द विं ड’ की शुरुआत क ी, जिसे इतिहास बनना था। मारग्रेट मिशेल खुद भी नहीं जानती थी कि उसका यह काम पूरी दुनिया को स्तब्ध और चकित कर देगा। यह मिशेल की पहली और आखिरी साहित्यिक कृति थी ।
इस उपन्यास की भाषा में भी एक कविता-सा प्रवाह और रोमानीपन है। किस नदी की तरह कथा बहती चलती है - कल-कल-कल और पाठक भी उस प्रवाह में रच-बस जाता है। ‘गॉन विद द विं ड’ से गुजरना बहुत विराट फलक पर जीवन को देखने और उसे महसूस करने जैसा है। युद्ध की त्रासदियों से गुजरे मनुष्यता के इतिहास को भी समझने जैसा।
इस अमूल्य कृति का हिंदी में अनुवाद हमारी भाषा और साहित्य को भी ऊँचा उठाने वाला ह ै, उसके खजाने को समृद्ध करने वाल ा, उसके अविरल प्रवाह को गति देने वाला।