नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2014 : कैसा रहा अंतिम दिन

अगला विश्व पुस्तक मेला 14 से 22 फरवरी, 2015 तक

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' पुस्तकें सभ्यता का विकास करती हैं। बिना पुस्तकों के किसी भी सभ्यता को विकसित करना संभव नहीं है। कोई भी तकनीक पुस्तकों के सौंदर्य का स्थान नहीं ले सकती।' यह विचार डॉ. कर्ण सिंह (सांसद एवं अध्यक्ष, आईसीसीआर) ने नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा 'पुस्तकें एवं आज के युवा' विषय पर आयोजित सकारात्मक चर्चा के अवसर पर व्यक्त किए।

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उन्होंने युवाओं को अधिक-से-अधिक पढ़ने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर एनबीटी के अध्यक्ष ए. सेतुमाधवन ने पुस्तक मेले की सफलता पर अपनी खुशी व्यक्त की तथा घोषणा की कि नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2015 का आयोजन 14 से 22 फरवरी, 2015 तक प्रगति मैदान में किया जाएगा।

इस अवसर पर आईटीपीओ की अध्यक्ष-सह-प्रबंधन निदेशक, रीता मेनन, पोलैंड के राजदूत पियॉत्र क्लाडकान्सिकी तथा एनबीटी के निदेशक, डॉ. एम.ए. सिकंदर उपस्थित थे।

आईटीपीओ की अध्यक्ष-सह-प्रबंधन निदेशक रीता मेनन ने कहा कि हमें खुशी है कि मेले में बहुत अधिक संख्या में पुस्तक प्रेमी आए। इस वर्ष मेले के थीम विषय 'बाल साहित्य' तथा मेले में स्थापित 'लेखक मंच' आगंतुकों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे।

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इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि देश पोलैंड के राजदूत पियॉत्र ने कहा कि इस वर्ष नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में अतिथि देश का सम्मान पाकर हमें अत्यंत गर्व का अनुभव हुआ। एनबीटी के सहयोग के लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं।

इसी मंच पर डॉ. कर्ण सिंह की पुस्तक 'त्रिवेणी' का लोकार्पण हुआ। यह पुस्तक निबंधों, कविताओं तथा उपन्यासों का संग्रह है। पुस्तक मेले का अंतिम दिन रविवार था अर्थात्‌ छुट्टी का दिन। मेले में सुबह से ही पुस्तक प्रेमियों की भारी भीड़ देखने को मिली तथा मेले में 1 लाख से अधिक लोगों के आने का सिलसिला जारी रहा। अभिभावक अपने बच्चों के साथ पूरे उत्साह एवं जोश से भरे नजर आए तथा बच्चे भी अपनी पसंदीदा पुस्तकों का बैग हाथ में लेकर चलते हुए अत्यंत प्रसन्न थे।

इस बार मेले का थीम विषय 'कथासागर-भारतीय बाल साहित्य का महोत्सव' दर्शकों के विशेष आकर्षण का केंद्र रहा तथा मेले में रिकॉर्ड तोड़ भीड़ देखने को मिली।

बाल गतिविधियां

थीम पैवेलियन में प्रथम राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार विजेता हरिचंद्रन मेहरा तथा वर्ष 2013 की राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार विजेता 9 वर्षीय माहिका गुप्ता ने उपस्थित दर्शकों के साथ बातचीत की। थीम पैवेलियन में उपस्थित बच्चों के लिए नन्ही माहिका प्रेरणास्रोत बनी। सांसद शरद यादव भी थीम पैवेलियन में आए तथा राजकीय सर्वोदय विद्यालय, आनंद विहार तथा कैंब्रिज स्कूल, नोएडा के बच्चों द्वारा प्रस्तुत प्रहसन एवं संगीतात्मक प्रस्तुतीकरण का आनंद उठाया।

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युवा लेखक रवींद्र सिंह मेले में आए उन्होंने 'कागज के थैलों के उपयोग' पर बातचीत की तथा नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले पर अपने विचार व्यक्त किए।

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हॉल नं. 7 के सभागार में सिने कलाकार नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने 'रियल्टी इज स्टेंजर देन फिक्शन' विषय पर उपस्थित लोगों के साथ संवाद स्थापित किया।

मेले को अधिक मनोरंजक और आकर्षक बनाने के लिए प्रतिदिन शाम लाल चौक में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया किया गया। इन कार्यक्रमों को दर्शकों ने बहुत अधिक सराहा।

अगले वर्ष फिर इसी उत्साह से मिलने के वायदे के साथ पुस्तक मेले का सफल समापन हुआ।

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