हवा, जो चंपा से बहकर आई

फाल्गुनी

Webdunia
तुम, एक हवा जो चंपा से बहकर आई
तुम, एक धूप जो गुलमोहर से छनकर आई

तुम, एक नदी जो मेरी आँखों से छलछल आई
तुम, एक दुआ जो मेरी मुट्ठी में बँधकर आई

तुम, एक साँझ जो मन की तपन में ठंडक लाई
तुम, एक आवाज जो मेरे दिल में उतर आई

तुम, तरंगित साज जिसे अब तक भूला नहीं पाई
तुम, तन्हाई में खुली आँखें जिन्हें अब तक सुला नहीं पाई।
Show comments

गर्भवती महिलाओं को क्यों नहीं खाना चाहिए बैंगन? जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

हल्दी वाला दूध या इसका पानी, क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?

ज़रा में फूल जाती है सांस? डाइट में शामिल ये 5 हेल्दी फूड

गर्मियों में तरबूज या खरबूजा क्या खाना है ज्यादा फायदेमंद?

पीरियड्स से 1 हफ्ते पहले डाइट में शामिल करें ये हेल्दी फूड, मुश्किल दिनों से मिलेगी राहत

मेडिटेशन करते समय भटकता है ध्यान? इन 9 टिप्स की मदद से करें फोकस

इन 5 Exercise Myths को जॉन अब्राहम भी मानते हैं गलत

क्या आपका बच्चा भी हकलाता है? तो ट्राई करें ये 7 टिप्स

जर्मन मीडिया को भारतीय मुसलमान प्रिय हैं, जर्मन मुसलमान अप्रिय

Metamorphosis: फ्रांत्स काफ़्का पूरा नाम है, लेकिन मुझे काफ़्का ही पूरा लगता है.