अब गई हूँ तुमको भूल...

फाल्गुनी

Webdunia
ND
नहीं दिखता तुम्हारी आँखों में
अब वो शहदीया राज
नहीं खिलता देखकर तुम्हें
मेरे मन का अमलतास,

नहीं गुदगुदाते तुम्हारी
सुरीली आँखों के कचनार
नहीं झरता मुझ पर अब
तुम्हारे नेह का हरसिंगार,

सेमल के कोमल फूलों से
धरती करती नहीं श्रृंगार
कई दिनों से उदास खड़ी है
आँगन की तुलसी सदाबहार,

रिमझिम-रिमझिम बूँदों से
मन में नहीं उठती सौंधी बयार
रुनझुन-रुनझुन बरखा से
नहीं होता है सावन खुशगवार,

बीते दिन की कच्ची यादें
चुभती है बन कर शू ल,
मत आना साथी लौटकर
अब गई हूँ तुमको भूल।
Show comments

इस Mothers Day अपनी मां को हाथों से बनाकर दें ये खास 10 गिफ्ट्स

मई महीने के दूसरे रविवार को ही क्यों मनाया जाता है Mothers Day? जानें क्या है इतिहास

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

इन विटामिन की कमी के कारण होती है पिज़्ज़ा पास्ता खाने की क्रेविंग

गर्मियों में ये 2 तरह के रायते आपको रखेंगे सेहतमंद, जानें विधि

थाइलैंड के मनमौजी और ऐय्याश राजा की कहानी 5 पत्‍नियां, कई रखैल और 13 बच्‍चे

करवट लेने पर भी आते हैं चक्कर तो हो सकते हैं ये 6 कारण

खून की कमी को दूर करने के लिए डाइट में शामिल करें ये जूस

ICMR का प्रोटीन सप्लीमेंट से बचने को लेकर अलर्ट, बताया क्‍या होती है हेल्दी डाइट?

कबूतर से हैं परेशान तो बालकनी में लगाएं ये 4 पौधे, कोई नहीं फटकेगा घर के आसपास