काव्य रचना: अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव

डॉ. रामकृष्ण सिंगी
सोमवार, 22 जनवरी 2024 (15:06 IST)
प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव है हम सब की महाविजय का प्रतीक। 
जिससे ले रहा जन-मन भारत का आनंद के सागर में हिलोर।
आध्यात्मिकता और अस्मिता के उन्नयन का है यह दिव्य पर्व 
संसारभर में फैले भारतवंशी भी गौरवान्वित हैं, आनंद विभोर ।।1।।
 
श्री राम का धीरज, सहिष्णुता, उदारता, मर्यादित व्यवहार।
युगों से प्रतिमान रहे हमारे, हमारी चेतना का आधार।
श्री राम हमारे दैनिक जीवनादर्श हैं, न केवल ईश्वरीय अवतार।
तीर्थरूप उनके भव्य मंदिर का आज हुआ सपना साकार ।।2।।
 
विभिन्न व्यस्तताओं से युवा पीढ़ी, इन मूल्यों से हो रही थी दूर। 
विश्वास है कि ये तीर्थ/पुण्य स्थल उनको भी आकर्षित करेंगे भरपूर।
आधुनिक चिंतन/जीवनशैली के साथ जुड़ेंगे जब ये जीवन-मूल्य,
तभी समृद्धि की मांग में होगा भारतीयता का सच्चा सिन्दूर ।।3।।

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