वर्तमान परिस्थितियों पर कविता : आजादी जो हम में थी....

रामध्यान यादव 'ध्यानी'
आजादी जो हम में थी, वह मैं में सिमट गई है,
अपराधी के कर में भइया, बाजी पलट गई है!
 
कामी, लोभी, लंपट है, सरकार चलाने वाले,
धर्मगुरु हैं व्यस्त रेप में, संस्कृति कौन संवारे।
 
अब घर में हम नहीं सुरक्षित, क्या बाहर की बात करें,
बात-बात पर चलती गोली, किसका हम सम्मान करें।
 
रेप, डकैती, हत्या, चोरी, होते सारे दिन में,
सीना ताने घूम रहे वह, छुपे हुए हम बिल में।

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

क्या होता है DNA टेस्ट, जिससे अहमदाबाद हादसे में होगी झुलसे शवों की पहचान, क्या आग लगने के बाद भी बचता है DNA?

क्या होता है फ्लाइट का DFDR? क्या इस बॉक्स में छुपा होता है हवाई हादसों का रहस्य

खाली पेट ये 6 फूड्स खाने से नेचुरली स्टेबल होगा आपका ब्लड शुगर लेवल

कैंसर से बचाते हैं ये 5 सबसे सस्ते फूड, रोज की डाइट में करें शामिल

विवाह करने के पहले कर लें ये 10 काम तो सुखी रहेगा वैवाहिक जीवन

सभी देखें

नवीनतम

21 जून योग दिवस 2025: सूर्य नमस्कार करने की 12 स्टेप और 12 फायदे

याददाश्त बढ़ाने के लिए आज से ही छोड़ दें अपनी ये 8 आदतें, दिमाग पर डालती हैं बुरा असर

मन सच्चा, कर्म अच्छा और बाकी सब महादेव की इच्छा... पढ़ें शिव जी पर लेटेस्ट कोट्स

हादसों पर 10 मशहूर शेर

स्किन के लिए जादुई है ग्रीन टी की पत्तियां, जानिए इससे बनने वाले ये 3 खास फेस पैक्स के बारे में

अगला लेख