हरिवंश राय बच्चन की पुण्यतिथि पर पढ़ें उनकी कविता : आ रही रवि की सवारी

Webdunia
- हरिवंशराय बच्‍चन
 
आ रही रवि की सवारी। 
 
नव-किरण का रथ सजा है, 
कलि-कुसुम से पथ सजा है, 
बादलों-से अनुचरों ने स्‍वर्ण की पोशाक धारी। 
आ रही रवि की सवारी।
 
विहग, बंदी और चारण, 
गा रही है कीर्ति-गायन, 
छोड़कर मैदान भागी, तारकों की फ़ौज सारी। 
आ रही रवि की सवारी।
 
चाहता, उछलूं विजय कह, 
पर ठिठकता देखकर यह- 
रात का राजा खड़ा है, राह में बनकर भिखारी। 
आ रही रवि की सवारी।

ALSO READ: हरिवंश राय बच्‍चन की सबसे लोकप्रिय कविता 'मधुशाला'

ALSO READ: हरिवंश राय बच्चन की चुनिंदा कविता- अग्नि पथ

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

डायबिटीज के मरीजों में अक्सर पाई जाती है इन 5 विटामिन्स की कमी, जानिए क्यों है खतरनाक

दीये की रोशनी में पढ़कर किया आविष्कार, बाल वैज्ञानिक पूजा पाल ने जापान में लहराया तिरंगा

क्या मर्द का दर्द, दर्द नहीं! कोल्डप्ले कॉन्सर्ट विवाद से सामने आया समाज का दोगलापन

बॉडी पर तिल क्यों निकलता है? जानिए इसके पीछे छुपे साइंटिफिक और स्किन से जुड़े राज

क्या होता है तुगलकी फरमान? जानिए कहां से आया यह शब्द

सभी देखें

नवीनतम

कारगिल की जंग में भारत के साथ थे कौन से देश और किसने दिया था दुश्मन पाकिस्तान का साथ, जानिए इतिहास

डॉलर या पाउंड नहीं, ये है दुनिया की सबसे महंगी करेंसी, जानिए इसके मुकाबले कहां ठहरता है आपका रुपया

बरसात के मौसम में ये 5 आसान योगासन कर सकते हैं आपकी इम्युनिटी की रक्षा

सदाबहार की पत्तियां चबाकर खाने के ये 7 फायदे नहीं जानते होंगे आप

26 जुलाई 1999 को क्या हुआ था, जानें कारगिल दिवस पर 6 खास बातें

अगला लेख