हिन्दी कविता : तुम बदल गई हो

अंजू निगम
सब कहते हैं - तुम बदल गई हो,
मैं तो वही हूं दबी, सहमी, सकुचाई सी
 
शायद सब मेरा चेहरा पढ़ते होंगे,
किसी ने मेरे "मैं" को नहीं पढ़ा होगा
 
ओ अतीत!! मैनें वादा किया था न!
कि जब मैं यादो पर सवार आऊंगी तुम्हारे पास,
 
तब मैं वही होऊंगी दबी, सहमी ,सकुचायी सी,
तुम मुझे पहचान लोगे,
 
मैंने अपने को वही रखा है बदले बिना
पर अब मैंने अपने को सजग कर लिया है,
 
खींच लाती हूं बार-बार अतीत से अपने आप को,
अपने आज में जीने के लिए
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

लोकमाता देवी अहिल्याबाईः सुशासन और महिला स्वावलंबन की प्रणेता

ट्रंप क्यों नहीं चाहते Apple अपने प्रोडक्ट भारत में बनाए?

क्यों पद्मश्री से नवाजे गए ब्राजील के वेदांत आचार्य जोनास मसेट्टी? जानिए एक विदेशी आचार्य की प्रेरणादायक कहानी

जैव विविधता पर कविता : मैं अब भी प्रतीक्षा में हूं

ओरंगजेब के द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़े जाने के बाद अहिल्याबाई होलकर ने किया था इसका पुनर्निर्माण, जानिए इतिहास

अगला लेख