कविता : क्यों नहीं तू बन जाती

Webdunia
डॉ. रूपेश जैन 'राहत'
नहीं जानता की तू क्या चाहती है
पर ये जानता हूँ मेरा प्रेम निर्मल है
जीवन में उतार चड़ाव कहा नहीं आते
पर रथ के पहिये यूँ नहीं साथ छोड़ जाते|
 
क्यों नहीं तू बन जाती नदिया
जहाँ मेरा अस्तित्व विलीन हो जाए
क्यों नहीं तू बन जाती तू वो बीणा
जहाँ मेरा सर्वस्व तल्लीन हो जाये|
 
मेरे जीवन का आइना तुम बन जाओ
जहाँ मेरा प्रतिबिम्ब भी तुम्हारा हो
मेरा दिन मेरी रात तुम बन जाओ
जहाँ मेरा अंत और आरंभ भी तुम्हारा हो|

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

ये हेल्दी फैट्स हार्ट को रखते हैं दुरुस्त, कोलेस्ट्रॉल भी रहता है कंट्रोल

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम और महत्व

05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस, जानें पर्यावरण संरक्षण पर 20 प्रेरणादायक और प्रभावी स्लोगन

पेट के लिए वरदान है जामुन, जानिए इसके चमत्कारी फायदे

सावधान! अधूरी नींद की वजह से खुद को ही खाने लगता है आपका दिमाग

अगला लेख