कविता : पूछिए मत क्या बवाल मचा रखा है

Webdunia
- डॉ. रूपेश जैन 'राहत'
 
पूछिए मत क्या बवाल मचा रखा है
जाने उसने जबां पे क्या छुपा रखा है
 
इस माहौल में खामोश रहना अच्छा
बहस को जाने क्या मुद्दआ उठा रखा है
 
तमाम उम्र जिस मुल्क से प्यार किया
फिक्र है मुझे अजनबियों ने डरा रखा है
 
आसार नहीं कोई दिखता सुधरने का
इन हालातों की चिंता ने सता रखा है

नहीं पता किस मोड़ पे नज़ारे अच्छे हों
हम ने देखा चोरों ने पेट भर खा रखा है
 
कहां तक पहुंचे निगाह होश भी न रहा
हम चुप और मुद्दई ने घर सजा रखा है

कब तक रहेगा ये मौसम इस सफ़र में
'राहत' वतन-परस्तों ने देश बचा रखा है

सम्बंधित जानकारी

Show comments

गर्भवती महिलाओं को क्यों नहीं खाना चाहिए बैंगन? जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

हल्दी वाला दूध या इसका पानी, क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?

ज़रा में फूल जाती है सांस? डाइट में शामिल ये 5 हेल्दी फूड

गर्मियों में तरबूज या खरबूजा क्या खाना है ज्यादा फायदेमंद?

पीरियड्स से 1 हफ्ते पहले डाइट में शामिल करें ये हेल्दी फूड, मुश्किल दिनों से मिलेगी राहत

मेडिटेशन करते समय भटकता है ध्यान? इन 9 टिप्स की मदद से करें फोकस

इन 5 Exercise Myths को जॉन अब्राहम भी मानते हैं गलत

क्या आपका बच्चा भी हकलाता है? तो ट्राई करें ये 7 टिप्स

जर्मन मीडिया को भारतीय मुसलमान प्रिय हैं, जर्मन मुसलमान अप्रिय

Metamorphosis: फ्रांत्स काफ़्का पूरा नाम है, लेकिन मुझे काफ़्का ही पूरा लगता है.

अगला लेख