हिन्दी कविता : इग्नोर...

सुशील कुमार शर्मा
हम लोगों की कद्र नहीं करते
उनके स्नेह को हम तवज्जो नहीं देते
उनकी बातों का जवाब नहीं देते
सोचते हैं क्या जरूरत है।
 
क्यों हम किसी की
भावना को समझें
हमें कौन रिश्ते बनाने हैं
हम किसी और जात के 
हम किसी और प्रांत के
क्या रिश्तेदारी निभानी है
भाड़ में जाए।
 
क्यों इतने पीछे लगा है
क्यों बार-बार पोस्ट करता है
बड़ा ज्ञान बघार रहा है
इन सबके पीछे उसकी 
अपनेपन की मासूम भावनाओं को 
कभी महसूस किया।
 
जब कोई अपने वाला 
तुम्हें इग्नोर करे तब इस 
दुराव का दर्द समझ में आता है
कभी उनसे पूछना जो घर
में अकेले बैठे रहते हैं 
और कोई पूछने वाला नहीं 
होता कि तुम कैसे हो।
 
इसलिए अगर कोई 
तुम्हें तवज्जो दे रहा है
तो कभी उसको इग्नोर 
मत करो
वर्ना एक दिन तुम खुद 
इग्नोर हो जाओगे
खुद की नजर से।
 
Show comments

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे

थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव

गर्मियों में करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, तेजी से घटेगा वजन

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में

चित्रकार और कहानीकार प्रभु जोशी के स्मृति दिवस पर लघुकथा पाठ

गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्‍टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे

Labour Day 2024 : 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस?

अगला लेख