कृषक गाथा : चाह मेरी बस इतनी सी...

Webdunia
आशुतोष गुलेरी
नहीं मेरी अभिलाषा,
मैं तुमको कोई गीत सुनाऊं 
तुम बजाओ ताली,
और मैं खुद पर इतराऊं 
 

चाह मेरी बस इतनी सी,
मन मेरा धनुष बना कर,
प्रत्यंचा कृषक व्यथा चढाऊं
छीनी जिसकी मां तुमने,
अश्रु  उसके बाण बनाऊं 
 
भींचें जो मातृ हृदय को,
उस निस्वार्थ त्याग की याद दिलाऊं 
जो सींचे धरती पौरुष से अपने,
उसके दुख में तुम्हें रुलाऊं
 
लुटता आया जो सामंतों से,
पिटता पुन: पुन: श्रीमंतों से,
वृष्टि से लड़ता ओलों से भिड़ता,
रिसते उसके घावों का,
थोड़ा विषपान तुम्हें कराऊं 
 
चंद रुपयों का लालच दे कर,
उसकी मां तुम छीनोगे,
बिन समझे तुमने सोचा क्या!
केवल कलपुजों पर जी लोगे?
यंत्र हर चलने से पहले, 
भोजन उसे कराना होगा,
भोजन करवाने से पूर्व,
भोजन तुम्हें उगाना होगा 
 
चाह मेरी बस इतनी सी,
तुम्हें राजधर्म का पाठ पढ़ाऊं,
अपने शब्दों के बाणों से,
कृषक व्यथा मैं याद कराऊं
 
प्रगतिवाद का हर नव पग,
केवल भोजन से उठ पाएगा,
छोड़ किसानी हर किसान,
वर्ना उत्पात मचाएगा,
आने वाली पीढ़ी को,
क्या पत्थर ईंट खिलाओगे?
यदि कृषक अपमानित होगा,
क्या मातृभक्त कहलाओगे?
 
बिन किसान की साझेदारी,
दिन अच्छे न ला पाओगे। 
 
 
 
चाह मेरी बस इतनी केवल,
सच का मार्ग तुम्हें दिखाऊं,
ज्वलंत विषय की प्रत्यंचा पर,
शब्दों के मैं बाण चढाऊं 
जो सींचे धरती अपने दम पर,
उसके दु:ख मैं तुम्हें सुनाऊं... 
 

आशुतोष गुलेरी
कायाकल्प, विवेकानन्द आयुर्विज्ञान शोध ट्रस्ट, पालमपुर
हिमाचल प्रदेश, 176061
मोबाइल – 09418049070 
 
Show comments

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे

थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव

गर्मियों में करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, तेजी से घटेगा वजन

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में

चित्रकार और कहानीकार प्रभु जोशी के स्मृति दिवस पर लघुकथा पाठ

गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्‍टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे

Labour Day 2024 : 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस?