-शकुन्तला तापड़िया
सुन लो सुनाती हूं कहानी कोरोना काल की,
जोड़ी इसने बना दी सैनिटाइजर मास्क की।
कोविड-19 देश में पहुंचा पुणे में प्रथम,
पैर फैलाए विश्व में लगा आ गया कोरोना का भूकम्प।
मार्च वर्ष 20 में चल रहा था होली का हुड़दंग,
लॉकडाउन में कर दिया सब रंग में भंग।
स्कूल-कॉलेज के इम्तेहान मध्य में हुए बंद,
बच्चे-बूढ़े सब हो गए घर में नजरबंद।
कोरोना ने कर दिया 'Positive' शब्द को बदनाम,
Negative, quarantie, Social Distancing की नई Dictionary बन गई एकदम।
गर्मी की तपन में भी हो गई ए.सी., आइसक्रीम की रफ्तार कम,
2020 का Best Drink बन गया 'काढ़ा' नंबर वन।
देवालय, शिवालय पर लग गया ताला,
इंसान को प्रभु ने दिखाया अपना रूप निराला।
बहू-बेटी का गर्मी का मायके का जायका हुआ खतम,
मां कहतीं, बिटिया रहो घर में, न निकालो बाहर कदम।
Office पतिदेव का बन गया घर का किचन,
नई डिशेज का Work from home ने कर दिया चलन।
कोरोना ने प्रकृति का बदल दिया अवतरण,
मानो पृथ्वी का हो रहा है शुद्धिकरण।
रेल, प्लेन सभी यात्रा को मिला विराम,
इंटरनेट, मीडिया ने Update का प्रारंभ किया अभियान।
व्हॉट्स-एप पर हर व्यक्ति नीम-हकीम नजर आया,
हर दवा, दुआ का असर होंठों पर छाया।
मॉल, बाजारों में आ गई मंदी,
Online Shoping की हो गई चांदी।
डॉक्टर, नर्स, पुलिस सभी ने दी सेवा अनुपम,
फिर भी अपनों से बिछुड़ गए, है उसका गम।
बच्चों की शाला में थी मोबाइल लाने की मनाही,
अब उसी मोबाइल पर घर-घर हो रही पढ़ाई।
अब आ गया समय 'कोरोना दानव' तूने कर ली मौज,
वैक्सीन की मानव ने कर ली खोज।
हम देते साधुवाद प्रधानमंत्री मोदीजी एवं कोरोना वीरों को,
जिनके अथक प्रयासों से जीता हमने इस महामारी को।