सिंहस्थ पर हिन्दी कविता : आस्थाओं का अमर प्रवाह है सिंहस्थ

Webdunia
डॉ.रामकृष्ण सिंगी 
 
युगीन परंपरा का स्वर्णिम निर्वाह है सिंहस्थ। 
मतमतांतरों का संगम, आस्थाओं का अमर प्रवाह है सिंहस्थ।।
संतत्व की निराली परिभाषा, वैभव का प्रदर्शन बेपनाह है सिंहस्थ। 
सनातनधर्मी साधना की अपनी अनोखी राह है सिंहस्थ ।।1।।
आस्थावान श्रद्धालुओं का अनुपम मेला है सिंहस्थ। 
क्षिप्रा में नर्मदा की तरंग-सा फैला है सिंहस्थ।।
खर्चीले सरकारी विभागों ने उत्साह से झेला है सिंहस्थ। 
वेतन/भत्ते वाले कर्मिकों के लिए बड़ी झंझट/झमेला है सिंहस्थ।।2।। 
 
आचार्यों, मठाधीशों, महामण्डलेश्वरों का महिमामंडनी मंत्रोच्चार है सिंहस्थ। 
हठयोगी साधकों का प्रकट खुमार है सिंहस्थ।।
सन्यासियों की जटाओं, धूनियों, चिमटों, भभूतियों में, 
प्रदर्शित होता एक अलग ही संसार है सिंहस्थ।।3।।
 
प्रवचन, यज्ञ, हवन, अनुष्ठान, अर्चना, भंडारे हैं सिंहस्थ। 
ए सी कॉटेज वासियों की धार्मिक पिकनिक क्षिप्रा किनारे है सिंहस्थ।। 
धर्म की धारणाओं, विश्वासों, श्रद्धाओं, निष्ठाओं को। 
किसी भी तर्क से परे युग-युग से धारे हैं सिंहस्थ।।4।।
Show comments

इस Mothers Day अपनी मां को हाथों से बनाकर दें ये खास 10 गिफ्ट्स

मई महीने के दूसरे रविवार को ही क्यों मनाया जाता है Mothers Day? जानें क्या है इतिहास

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

इन विटामिन की कमी के कारण होती है पिज़्ज़ा पास्ता खाने की क्रेविंग

गर्मियों में ये 2 तरह के रायते आपको रखेंगे सेहतमंद, जानें विधि

Chanakya niti : यदि सफलता चाहिए तो दूसरों से छुपाकर रखें ये 6 बातें

Mothers Day 2024 : मदर्स डे पर पढ़ें इतिहास, शायरी, कविताएं और रोचक जानकारी एक साथ

रिश्ते से खुश नहीं है आपका पार्टनर!

टीनेजर्स को रोज करना चाहिए ये 5 योगासन, हारमोंस रहेंगे बैलेंस

शादी से पहले पार्टनर से जरूर पूछें ये 5 सवाल

अगला लेख