हिन्दी कविता : शब्दावली

गिरधर गांधी
शब्दों की बस्ती में दुनिया अपनी
शब्दावली का शागिर्द हूंं
मैंं शिक्षार्थी शांति से शब्दों को निहारूंं
शब्दों के इर्द-गिर्द मे खोया हूंं 

अर्थ प्रयोग पर्याय जाति अनुसार
शब्दो के कागजी निवास न्यारे-न्यारे
कोई डूबा है शहद में यारों 
तो कोई कटु शब्द नीम को प्यारे 




















ढूंंढ-ढूंंढकर दरवाज़ा खटखटाना
चाहत के शब्दों को निमंत्रण देता हूंं 
रोज नई एक कविता से विवाह अपना
शब्दों को बारी-बारी बारात में 
शामिल करता हूंं 

कोई कविता आनंदविभोर हो उठती 
तो कोई व्यथा की कथा सुनाती है
तरह-तरह के कि‍स्से-कहानी सुनाकर
राहें जि‍ंंदगी की सजाती है ...
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन कारणों से 40 पास की महिलाओं को वेट लॉस में होती है परेशानी

लू लगने पर ये फल खाने से रिकवरी होती है फास्ट, मिलती है राहत

खुद की तलाश में प्लान करें एक शानदार सोलो ट्रिप, ये जगहें रहेंगी शानदार

5 हजार वर्ष तक जिंदा रहने का नुस्खा, जानकर चौंक जाएंगे Video

योग के अनुसार प्राणायाम करने के क्या हैं 6 चमत्कारी फायदे, आप भी 5 मिनट रोज करें

सभी देखें

नवीनतम

भारत के जल युद्ध से अब पाकिस्तान में तबाही का खौफ़

वास्तु के अनुसार कैसे प्राप्त कर सकते हैं नौकरी

पाकिस्तान से युद्ध क्यों है जरूरी, जानिए 5 चौंकाने वाले कारण

घर की लाड़ली को दीजिए श अक्षर से शुरू होने वाले ये पारंपरिक नाम

मनोरंजक बाल कहानी: चूहा और शेर

अगला लेख