हिन्दी कविता : बेदर्द इंसान

संजय वर्मा 'दृष्ट‍ि'
मोहल्ले में रात को भौंकती कुतिया
सतर्क कर देती
कोई आ रहा है ?
सभी धर्म के लोग उसे रोटी डालते
वो खा लेती
दुम आभार स्वरुप हिलाती ।
 
कुतिया के पिल्लों को
चोरी से कुछ लोग उठा ले गए
मां का स्नेह-दुलार क्या होता है
उन्हें इससे क्या वास्ता ?
 
रोती-कराहती कुतिया
ढूंढ रही अपने बच्चों को
वो अब दी जाने वाली रोटी भी
नहीं खा रही ।
 
खाए भी तो कैसे
बच्चों के मां से अलग होने का दर्द
एक मां ही समझ सकती है
जैसे भ्रूण-हत्या होने पर
इंसानों में मां को होता है
दर्द।
 
कुतिया सोच रही है
यदि में इंसान होती तो बताती
इंसानों को अपनी वेदना
कौन सुने-समझे उसकी वेदना
वो समझ रही है
कैसे-कैसे दुनिया में है
बेदर्द इंसान जो करते हैं भ्रूण हत्या
और कुछ लोग चुराकर दूर करते हैं
हमसे हमारे पिल्ले ।
 
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

बिन बालों की ब्राइड निहार सचदेव का बोल्ड एंड ब्यूटीफुल लुक, ताने मारने वालों को ऐसे दिया करारा जवाब

अपने बच्चों को सरल और आसान भाषा में समझाएं गुड टच और बेड टच, इन टिप्स की लें मदद

जल्दी करना है वेट लॉस तो फॉलो करें ये मैजिक रूल्स, रिजल्ट देखकर लोग करेंगे तारीफ

सर्दियों में इन 5 बीमारियों में बहुत फायदेमंद है संतरे का जूस, जानिए क्या है सेवन का सही तरीका

लाइफ को स्ट्रेस फ्री बनाते हैं ये ईजी टिप्स, रूटीन में करें शामिल

सभी देखें

नवीनतम

तेजी से वजन घटाने में बहुत कारगर है तेजपत्ता, जानिए क्या है सेवन का सही तरीका

टेडी डे पर करें अपने पार्टनर को सरप्राइज, भेजें ये रोमांटिक Teddy Day Messages

फोकस बढ़ाने के लिए पीते रहिए पानी: जानिए कैसे पानी पीने से बढ़ती है एकाग्रता

क्यों डांस करते-करते हो रहे हैं हार्ट फेल, डॉक्टर से समझिए कारण और बचाव के तरीके

वैलेंटाइन डे पर अगर पार्टनर के साथ कोई बेवजह करे परेशान, तो जान लें अपने अधिकार

अगला लेख