हिन्दी कविता : निशा

गिरधर गांधी
निशा कि दर्शाई हुई नई दिशा कि ओर
ख्वाबों के खातिर आंखे मींंचकर चलने लगा
ख्वाहिशों के घने जंगलों से गुजरता हुआ
जोश के जश्न का शोर
या कहीं तसल्ली का तराना

आश्ना का आलाप
टपकती हुई अत्र की बूंदे
मुहब्बत से भरी झील
एेेतबार का झरना
जिगर की जुुबानी
गवाह में पशु-प्राणी

आसरा का आसमां 
सुकून के सितारे 
रोमांचित रहस्य
परछाई के सहारे 
निशा कि दर्शाई हुई नई दिशा कि ओर
आगे-ही-आगे बढ़ता गया 
आखिर मैं अंधेरा 
निशा के आगोश में 
खयालों में खो गया
भोर समय
हल्की सी रोशनी की शहनाई ने
भगा दिया ...
Show comments

गर्भवती महिलाओं को क्यों नहीं खाना चाहिए बैंगन? जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

हल्दी वाला दूध या इसका पानी, क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?

ज़रा में फूल जाती है सांस? डाइट में शामिल ये 5 हेल्दी फूड

गर्मियों में तरबूज या खरबूजा क्या खाना है ज्यादा फायदेमंद?

पीरियड्स से 1 हफ्ते पहले डाइट में शामिल करें ये हेल्दी फूड, मुश्किल दिनों से मिलेगी राहत

मेडिटेशन करते समय भटकता है ध्यान? इन 9 टिप्स की मदद से करें फोकस

इन 5 Exercise Myths को जॉन अब्राहम भी मानते हैं गलत

क्या आपका बच्चा भी हकलाता है? तो ट्राई करें ये 7 टिप्स

जर्मन मीडिया को भारतीय मुसलमान प्रिय हैं, जर्मन मुसलमान अप्रिय

Metamorphosis: फ्रांत्स काफ़्का पूरा नाम है, लेकिन मुझे काफ़्का ही पूरा लगता है.

अगला लेख