कविता : मुझमें मेरा पानी आखिर कब तक?

राजकुमार कुम्भज
मेरे सामने एक गिलास रखा है 
मेरे सामने रखे गिलास में थोड़ा पानी है 
थोड़े पानी की अपनी थोड़ी कहानी है 
थोड़े पानी में थोड़ी मछलियां हैं
मछलियों के पेट में मुद्रिकाएं हैं 


मुद्रिकाओं में स्मृतियां हैं 
स्मृतियों में जीवन है
जीवन संक्षिप्त है 
संक्षिप्त किंतु नहीं है जीवन की लड़ाई 
इसकी हो सरकार या फिर हो उसकी 
लड़ाई है तो सिर्फ पानी की 
पानी आंखों का 
पानी चेहरों का 
पानी भाषा का 
मुझे तलाश है पानी की 
मुझे तलाश है मछलियों की 
मुझे तलाश है मछलियों के पेट में छुपी 
उन मुद्रिकाओं की, जिनमें कोटिश: स्मृतियां 
जानी-अंजानी
इतिहास में ऐतिहासिक हो जाने से 
वंचित भी जो 
मेरे सामने एक गिलास रखा है 
मेरे सामने रखे एक गिलास में थोड़ी धुंध है 
धुंध है कि पानी, कुछ पता नहीं दरअसल 
मेरे सामने एक गिलास रखा है 
और मैं पुकार रहा हूं पानी 
पानी पुकारने की निरंतरता में छुपा है मेरा पानी 
मुझ में मेरा पानी आखिर कब तक ?
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

फिर से फैल रहा है कोराना, रखें ये 6 सावधानियां

ये हेल्दी फैट्स हार्ट को रखते हैं दुरुस्त, कोलेस्ट्रॉल भी रहता है कंट्रोल

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम और महत्व

05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस, जानें पर्यावरण संरक्षण पर 20 प्रेरणादायक और प्रभावी स्लोगन

पेट के लिए वरदान है जामुन, जानिए इसके चमत्कारी फायदे

अगला लेख