हिन्दी कविता : तितलियां उपवन में आई हैं...

शम्भू नाथ
दूर देश से फिर तितलियां, 
इस उपवन में आई हैं।


 
रंग गुलाबी फूल देखकर, 
चक्कर कई लगाई हैं। 
 
कभी बैठती हरे पुष्पों पर, 
फिर उसपे उड़ जाती हैं।
 
महक उड़ाती जब कलियां हैं, 
देख उन्हें इठलाती हैं। 
 
भाव फूल देते जब उसको, 
खुद उड़-उड़कर मुस्काती हैं।
 
चंचल-चितवन उनकी होती, 
वे खुश फूलों पर छाई हैं।
 
रंग गुलाबी फूल देखकर, 
चक्कर कई लगाई हैं।
 
बबलू-डबलू उन्हें पकड़ने, 
पीछे-पीछे जाते हैं।
 
असफल होकर मुंह लटकाए, 
वापस घर को आते हैं। 
 
दृश्य देख आश्चर्य खूब होता,
क्या उनकी चतुराई है। 
 
 
 
 
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

पाकिस्तान से युद्ध क्यों है जरूरी, जानिए 5 चौंकाने वाले कारण

घर की लाड़ली को दीजिए श अक्षर से शुरू होने वाले ये पारंपरिक नाम

Indian Street Food: घर पर कच्छी स्टाइल दाबेली कैसे बनाएं, जानें पूरी रेसिपी

गर्मियों में धूप में निकलने से पहले बैग में रखें ये चीजें, लू और सन टेन से होगा बचाव

लू लगने पर ये फल खाने से रिकवरी होती है फास्ट, मिलती है राहत

सभी देखें

नवीनतम

पहलगाम अटैक के बाद क्‍यों हो रही है फिल्‍म The Social Dilemma की चर्चा?

इंदौर में स्वस्थ जीवनशैली और लंबी उम्र के लिए जागरूकता कार्यक्रम, "लिव लॉन्ग, लिव स्ट्रॉन्ग"

भारत-पाक युद्द हुआ तो इस्लामिक देश किसका साथ देंगे?

गर्मियों में इन हर्बल प्रोडक्ट्स से मिलेगी सनबर्न से तुरंत राहत

जल की शीतलता से प्रभावित हैं बिटिया के ये नाम, एक से बढ़ कर एक हैं अर्थ

अगला लेख