हिन्दी क‍विता : एक अभागा देश...

डॉ. रामकृष्ण सिंगी
एक देश ऐसा है, जो अपने देश में ही गुलाम है।
आर्मी के आदेश पर जहां की सुबह और शाम है।।
प्रशासन भ्रष्ट, नेता सब दोगले और नाकारा,
अपढ़, धर्मांध, गरीब, अज्ञान, जहां का अवाम है।।1।।
 
'भारत विरोध' है, जहां की राजनीति का ऑक्सीजन,
अर्थव्यवस्था गिरकर चली गई है पाताल में।
कर्जों के बोझ से निरंतर दिवालिया होता राष्ट्र,
बहुत बड़ी जमीन गई धोखे से चीनी ड्रेगन के गाल में।।2।। 
 
पुराने सब प्रेसीडेंट/पीएम जेल में या जमानत पर,
हाय! यह कैसा नकली प्रजातंत्र है।
भारत जैसे सफल महाप्रजातंत्र से सटा हुआ,
कैसा यह अभागा, जर्जर, अपनों से ही गुलाम राष्ट्र,
केवल ऊपर से कहने/दिखने को ही स्वतंत्र है।।3।।

 
बदलावों के लिए छटपटाते इमरान खान की सांसें,
क़ैद हैं महाअपराधी आतंकियों के पिंजरों में।
अपने पाले हुए अज़गर ही डस रहे हैं उस अभागे राष्ट्र को,
जबकि सारे पड़ोसी देश तैर रहे हैं निरंतर विकास की लहरों में।।4।।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

ये हेल्दी फैट्स हार्ट को रखते हैं दुरुस्त, कोलेस्ट्रॉल भी रहता है कंट्रोल

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम और महत्व

05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस, जानें पर्यावरण संरक्षण पर 20 प्रेरणादायक और प्रभावी स्लोगन

पेट के लिए वरदान है जामुन, जानिए इसके चमत्कारी फायदे

सावधान! अधूरी नींद की वजह से खुद को ही खाने लगता है आपका दिमाग

अगला लेख