हिन्दी कविता : हिन्दी हैं हम, हिन्दोस्तान हैं हम

ब्रह्मानंद राजपूत
Poem on Hindi
 
पहचान है हमारी हिन्दी,
हिन्दोस्तान की है ये बिंदी।
 
घर-घर बहती है हिन्दी की धारा,
विश्व गुरु बनेगा हिन्दोस्तान हमारा,
यही है हर हिन्दुस्तानी का नारा।
 
ज्ञान और भाव की भाषा है हिन्दी,
प्रेम का मधुर राग है हिन्दी।
 
न मिटने देना इसके रंग को,
यह है हर हिन्दुस्तानी से विनती,
हिन्दुस्तान एक देश है, इसकी सांस है हिन्दी।
 
न रुकने देना इसके प्रबल प्रवाह को,
हमेशा महकाते रखना इसकी सुगन्ध को।
 
यही हर हिन्दुस्तानी से कहते हैं हम,
हिन्दी है हम, हिन्दोस्तान हैं हम।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

विवाह के बाद गृह प्रवेश के दौरान नई दुल्हन पैर से क्यों गिराती है चावल से भरा कलश? जानिए क्या है इस रस्म के पीछे का कारण

सावधान! धीरे धीरे आपको मार रहे हैं ये 6 फूड्स, तुरंत जानें कैसे बचें

Easy Feetcare at Home : एल्युमिनियम फॉयल को पैरों पर लपेटने का ये नुस्खा आपको चौंका देगा

जानिए नवजोत सिद्धू के पत्नी के कैंसर फ्री होने वाले दावे पर क्या बोले डॉक्टर्स और एक्सपर्ट

Winter Fashion : सर्दियों में परफेक्ट लुक के लिए इस तरह करें ओवरसाइज्ड कपड़ों को स्टाइल

सभी देखें

नवीनतम

C-Section के बाद नहीं कम हो रही बैली, इन ट्रिक्स को अपनाने से मिलेगा फायदा

राइस वॉटर से बने इस कोरियन हेयर केयर मास्क से मिलेंगे घर पर ही सलून जैसे सॉफ्ट और सिल्की बाल

बॉडी पॉलिशिंग का है मन और सैलून जाने का नहीं है टाइम तो कम खर्च में घर पर ही पाएं पार्लर जैसे रिजल्ट

मजेदार बाल गीत : गुड़िया रानी क्या खाएगी

क्या बच्‍चों का माथा गर्म रहना है सामान्य बात या ये है चिंता का विषय?

अगला लेख