जनता कर्फ्यू पर कविता : वंदना उनकी करें जो खेल कर निज जान पर

Webdunia
इंदु पाराशर

वंदना उनकी करें जो, 
खेल कर निज जान पर।
 
कर रहे सेवा निरंतर,
आज मुश्किल हाल पर।
 
 
व्यथित हैं घर पर सभी,
कर्तव्य पथ पर यह डटे
रोगियों का कष्ट हरने,
से नहीं पीछे हटे।
 
मरीजों का कष्ट हरते, औषधि उपचार से।
और मनोबल भी बढ़ाते,प्रेरणा उत्साह से।
 
आज संकट की घड़ी में,फिर सभी सन्नद्ध हैं। 
करोना से जंग लड़ने, फिर सभी कटिबद्ध हैं।
 
करें हम आभार अर्पित, इन सभी योद्धाओं को।
दूर करते देह से जो, दुख और बाधाओं को।
 
घंटियां,ढप-ढोल,ताली,शंख, मंजीरे बजें।
गगन तक अनुनाद पहुंचे, ऊर्जा उनमें भरें।
 
और इस अनुनाद ध्वनि के, कंपनों की मार से। 
नष्ट हो यह वायरस,होवे विदा संसार से।
 
धरा पर भगवान हैं, दुख दर्द को हरते यही।
प्राण रोगी के बचाते,सच्चे चिकित्सक हैं वही।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

लहसुन और प्याज खाने के फायदे

मिस वर्ल्ड 2025 के ताज से जुड़ी ये 7 बातें जो बनातीं हैं इसे बहुत खास, जानिए क्राउन कीमत से लेकर हर डीटेल

विकास दिव्यकीर्ति सर की पसंदीदा ये 4 किताबें बदल सकती हैं आपकी जिंदगी!

कौन हैं भारतीय नौसेना की दो बहादुर महिला अधिकारी जिन्होंने 8 महीनों में तय किया 50,000 किलोमीटर का समुद्री सफ़र, प्रधानमंत्री ने की सराहना

औरंगजेब के द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़े जाने के बाद अहिल्याबाई होलकर ने किया था इसका पुनर्निर्माण, प्रधानमंत्री मोदी ने बताया इतिहास

अगला लेख