जीवन के सुख-दु:ख पर कविता : आगे बढ़ो...

सुशील कुमार शर्मा
कल का दिन किसने देखा है,
आज अभी की बात करो।
ओछी सोचों को त्यागो मन से,
सत्य को आत्मसात करो।
 
जिन घड़ियों में हंस सकते हैं,
क्यों तड़पें संताप करें।
सुख-दु:ख तो है आना-जाना,
कष्टों में क्यों विलाप करें।
 
जीवन के दृष्टिकोणों को,
आज नया आयाम मिले।
सोच सकारात्मक हो तो,
मन को पूर्ण विराम मिले
 
हिम्मत कभी न हारो मन की,
स्वयं पर अटूट विश्वास रखो।
मंजिल खुद पहुंचेगी तुम तक,
मन में सोच कुछ खास रखो।
 
सोच हमारी सही दिशा पर,
संकल्पों का संग रथ हो।
दृढ़ निश्चय कर लक्ष्य को भेदो,
चाहे कितना कठिन पथ हो।
 
जीवन में ऐसे उछलो कि,
आसमान को छेद सको।
मन की गहराई में डुबो तो,
अंतरतम को भेद सको।
 
इतना फैलो कायनात में,
जैसे सूरज की रोशनाई हो।
इतने मधुर बनो जीवन में,
हर दिल की शहनाई हो।
 
जैसी सोच रखोगे मन में,
वैसा ही वापस पाओगे।
पर उपकार को जीवन दोगे,
तुम ईश्वर बन जाओगे।
 
तुम ऊर्जा के शक्ति पुंज हो,
अपनी शक्ति को पहचानो।
सद्भावों को उत्सर्जित कर,
सबको तुम अपना मानो।
 
Show comments

गर्भवती महिलाओं को क्यों नहीं खाना चाहिए बैंगन? जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

हल्दी वाला दूध या इसका पानी, क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?

ज़रा में फूल जाती है सांस? डाइट में शामिल ये 5 हेल्दी फूड

गर्मियों में तरबूज या खरबूजा क्या खाना है ज्यादा फायदेमंद?

पीरियड्स से 1 हफ्ते पहले डाइट में शामिल करें ये हेल्दी फूड, मुश्किल दिनों से मिलेगी राहत

आपकी किचन में छुपा है सेहत से जुड़ी इन 10 समस्याओं का हल!

21 मई : राजीव गांधी की पुण्यतिथि, जानें रोचक तथ्य

गर्मी की तपिश में पसीने से हो रही है खुजली? ये टिप्स आजमाएं!

गर्मियों के लिए कंफर्टेबल और स्टाइलिश हैं ये 9 तरह के Footwear

Leather Bag खरीदने का है मन? इन 10 बातों का रखें ध्यान, वरना आप खा सकते हैं धोखा!

अगला लेख