प्रभु श्रीराम पर हिन्दी कविता : मेरे राम आए हैं आंगन में

ज्योति जैन
ram ayodhya
 
बालरूप की छमछम छाप..
पैंजनियों की मीठी पदचाप...
मां के नैनों का बन उजास...
मेरे राम आए हैं आंगन में..।
 
करने नये युग का शुभारंभ..
सबके जीवन में भरने रंग....
एक नए दौर की आहट ले...
मेरे राम आए हैं आंगन में..।
 
वह ध्वजा हाथ में थामेंगे...
सतयुग की ज्योत जगाएंगे...
धीरज का पाठ पढ़ाने को...
मेरे राम आए हैं आंगन में...।
 
खुद पर विश्वास दिलाएंगे...
वचन पालन समझाएंगे...
मर्यादा रग-रग में भरने...
मेरे राम आए हैं आंगन में..।
 
भोगा वनवास बहुत दिन है...
रीता आंचल यह तुम बिन है...
अब अश्रु बूंद से छलक-छलक..
मेरे राम आए हैं आंगन में...।

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