मार्मिक कविता : ओ मेरी उदास अहिल्याओं

अमर खनूजा चड्ढा
अपने तप बल से 
उठना है तुम्हें 
अत्याचार तिरस्कार 
नफरतों की खाइयों 
दरिंदगी के नर्क से 
न सहना जुल्म 
वीरांगनी 
करना न कभी सितम 
अब न खामोश रहना
तुम्हें ज्वाला है बनना
 
धधकना ऐसे कि 
फूंक जाएं कलेजे
ध्वस्त हों अंधेरे 
ओजस्वनी
तुम्हारे मत्थे सजे 
रूपहले सूरज चांद तारे 
शक्ति हो तुम हो प्रकृति 
ओजस्वनी 
बुध्दि वैभव अपार 
हैं सृजन कर्म महान
तुमसे ही संस्कृति की पहचान 
 
न करना तुम लंबी उदास 
मातमी उपेक्षित प्रतीक्षा 
प्रण कर साथ बढ़ना
लादना नहीं कफन 
उतर न जाना किसी खोह में 
न बनना पत्थर 
न हो गुमनामी जीवन 
वंदिते 
करो जागरूक 
जन हो आक्रोशित 
एक धर्म हो अब इंसानियत 
 
जीवन को ग्लानि न करना 
देना आसरा उनको भी 
जो बीच राह भूल गए 
खुशियों को उधार रख जीना
नेक राह पर चलकर 
लक्ष्य अपने पर अडिग रहकर 
तपस्विनी
बाधाओं से ना डरना 
करना तुम रौशनी जमा 
मुट्ठी में हो सितारों भरा आसमां
ओ मेरी उदास अहिल्याओं। 

(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

शिवाजी महाराज पर रोचक निबंध

छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम और गौरवशाली इतिहास का दर्शन कराते हैं महाराष्ट्र के ये किले, परिवार के साथ जाएं घूमने

आखिर क्यों खूबसूरत बने रहने के लिए जरूरी है कोलाजन, जानिए कैसे बढ़ा सकते हैं शरीर में प्राकृतिक तरीके से कोलाजन

फाल्गुन माह पर निबंध हिंदी में

इस शख्स ने सिगरेट के कचरे से बना दिए Teddy, क्या आप खरीदना चाहेंगे ये ईको फ्रेंडली खिलौने? जानिए पूरी कहानी

सभी देखें

नवीनतम

इन फलों के छिलकों को फेंकने के बजाए बनाएं शानदार हेअर टॉनिक, बाल बनेंगे सॉफ्ट और शाइनी

बच्चे कर रहे हैं एग्जाम की तैयारी तो मेमोरी बढ़ाने के लिए खिलाएं ये सुपर फूड

क्या आप भी हैं भूलने की आदत से परेशान, तो हल्दी खाकर बढाएं अपनी याददाश्त, जानिए सेवन का सही तरीका

डायबिटीज और जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए खाएं मेथीदाने की खिचड़ी, नोट कर लें आसान रेसिपी

क्या आप भी बच्चे के गाल पर लाड़ में काटते हैं, जान लीजिए कैसे बन सकता है ये संक्रमण का कारण

अगला लेख