हिन्दी कविता : औरत क्या है?

सुशील कुमार शर्मा
औरत कांच की सतह की तरह,
पारदर्शी है 
इसमें आप देख सकते हैं 
अपना प्रतिबिम्ब।
 
जितना अधिक प्यार से
इसे पोंछेंगे 
उतना अधिक चमकदार 
आपका प्रतिबिम्ब होगा 
एक औरत के अंदर 
आप छुपे होते हैं विभिन्न रूपों में।
 
आपकी छवि उसकी लज्जा के अंदर है 
अगर आप जिद से इसे एक दिन तोड़ते हैं 
तो आपकी छवि 
हजार टुकड़ों में बिखर जाएगी 
और फिर लाख कोशिश के बाद भी 
उस मोहक प्रतिबिम्ब के लिए तरस जाओगे।
 
जब भी तुम हाथ फेरोगे
इन टूटे-जुड़े टुकड़ों पर 
हमेशा एक जख्म पाओगे 
अपने हाथों में।
 
स्त्री हमारे लिए बहुत ही अनमोल है
और वे सबसे अच्छी उपहार हैं 
जो ईश्वर ने हमें दिया है 
एक मां, एक बहन, 
एक पत्नी और 
बहुत सच्ची दोस्त के रूप में।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

कौन था वह राजकुमार, जिसकी हत्या विश्व युद्ध का कारण बन गई? जानिए कैसे हुई World War 1 की शुरुआत

कौन हैं भारत के सबसे अमीर मुस्लिम? भारत के सबसे बड़े दानवीर का खिताब भी है इनके नाम

डॉलर या पाउंड नहीं, ये है दुनिया की सबसे महंगी करेंसी, जानिए इसके मुकाबले कहां ठहरता है आपका रुपया

बरसात के मौसम में ये 5 आसान योगासन कर सकते हैं आपकी इम्युनिटी की रक्षा

सदाबहार की पत्तियां चबाकर खाने के ये 7 फायदे नहीं जानते होंगे आप

सभी देखें

नवीनतम

रोज रात सोने से पहले पिएं ये 5 ड्रिंक्स, डाइजेशन और इम्युनिटी के लिए हैं बेस्ट

फ्रेंडशिप डे पर रूठे यारों को इस शायराना अंदाज में मनाएं, सिर्फ दो मिनट में रिश्तों में फिर से आएगी मिठास

रक्षा बंधन पर इस बार बाजार में आई है ये 5 ट्रेंडी राखियां, जरूर करें ट्राई

रूस में भूकंप से हड़कंप, जानिए भारत में किन जगहों पर है भूकंप का सबसे ज्यादा खतरा

नवम्बर में धरती पर हमला करेंगे एलियंस, वैज्ञानिकों ने भी दे दिए संकेत! क्या सच होगी बाबा वेंगा की भविष्यवाणी?

अगला लेख