हिन्दी कविता : आफत...

शम्भू नाथ
आती है जिंदगी में
आफत कभी-कभी,
पड़ती है जान लोगों की
सांसत में कभी-कभी।


 
देखो उत्तरांचल में
कैसी घटी कहानी,
हुआ विनाश ऐसा।
मिट गई निशानी।
 
कुदरत ऐसा अचंभा
दिखाती है कभी-कभी,
आती है जिंदगी में
आफत कभी-कभी,
 
पड़ती है जान लोगों की
सांसत में कभी-कभी,
कितने फंसे पड़े थे
कितने फंसे पड़े थे।
 
कितने बहे थे गंगा में
कितने सड़े पड़े थे,
देखा है इन आंखों ने
बर्बादी कभी-कभी।
 
आती है जिंदगी में
आफत कभी-कभी,
पड़ती है जान लोगों की
सांसत में कभी-कभी।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण में क्या अंतर है, समझिए

कितनी खतरनाक बीमारी है गिलियन बैरे सिंड्रोम, इलाज के लिए 1 इंजेक्शन की कीमत 20 हजार

बेटे को दें ऋग्वेद से प्रेरित ये नाम, अर्थ जानकर हर कोई करेगा तारीफ

खजूर से भी ज्यादा गुणकारी हैं इसके बीज, शुगर कंट्रोल से लेकर इम्यूनिटी बूस्ट करने तक हैं फायदे

जानिए ठंडी हवाओं और रूखे मौसम का बालों पर कैसा असर पड़ता है? सर्दियों में लंबे बालों की देखभाल क्यों है जरूरी?

सभी देखें

नवीनतम

हिन्दी कविता : स्मृतियां अनिमेष

रामसरूप के बहाने कहानी हमारे समाज का 360 डिग्री एंगल

रहस्यवादी और आध्यात्मिक गुरु, अवतार मेहर बाबा की पुण्यतिथि

इन टिप्स को अपनाने से आपके बच्चों के साथ हमेशा अच्छे रहेंगे रिलेशन, बहुत काम की हैं ये बातें

सोते समय क्या बालों को बांधकर रखना है सही, जानिए है बालों की सेहत के लिए राइट चॉइस

अगला लेख