✕
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
लोकसभा चुनाव
समाचार
स्पेशल स्टोरीज
रोचक तथ्य
चर्चित लोकसभा क्षेत्र
लोकसभा चुनाव का इतिहास
भारत के प्रधानमंत्री
IPL 2024
IPL टीम प्रीव्यू
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
शेड्यूल
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
Hindi
English
தமிழ்
मराठी
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
समाचार
लोकसभा चुनाव
IPL 2024
बॉलीवुड
धर्म-संसार
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
अपने हस्तिनापुरों में : प्रभा मुजुमदार की 6 कविताएं
Webdunia
शनिवार, 18 अक्टूबर 2014 (11:16 IST)
अपने हस्तिनापुरों में -1
धृतराष्ट्र होने का मतलब
अंधा होना नहीं होता,
धृतराष्ट्र होना होता है,
अपनी मर्जी, खुशी और सुविधा के साथ,
कुछ भी देख सकने की दिव्य दृष्टि
कुछ भी अनदेखा
कर भी सकने की आजादी,
अपने अंधत्व को, कैश कर सकने की बाजीगरी,
दिनदहाडे भरे दरबार में
प्रबुद्धों और शूरवीरों के ठीक सामने,
मनमर्जी से फर्मानों को जारी कर सकने की निरंकुशतास।
किसी समर्थ को,
वंचित, दीनहीन कर सकने की बेहयाई,
असंतोष की आवाजों को, हिकारत, गुस्से और बेरहमी से नजरअंदाज कर सकने की अकड़।
एक अल्पसंख्यक सरकार टुकडों-टुकडों बंटी सभा के बीच कौन सा निर्णय थोप नहीं सकती...
अपने हस्तिनापुरों में -2
‘क’’ के खिलाफ़ हैं
पंचानवे मुकदमे ’ख’ के खाते में दर्ज हैं सौ ’ग’ ने ताउम्र
जेल से ही खेली है राजनीति, एक का वोट बंधा जाति के नाम,
तो दूसरे ने काटी है धर्म की फसल, और यह तीसरा,
बांट रहा है सबको भाषाओं के नाम, वे तीनों आश्वस्त है अपनी चाल के
तुरुप के पत्ते से, हमारी आंखों पर डले भारी भरकम परदों से,
बुजदिली और सुविधा परस्ती से,
उन्हीं में से तो आयेगा कोई, ढोल धमाकों के साथ
हमारा भाग्य विधाता बन, जिसे कोसेंगे हम रात-दिन
चाय की चुस्कियों के बीच,
हर एक कायर पीढी, जो युद्ध के मैदान में जूझने की बजाय,
पीठ दिखा कर भागती है चुपचाप उसे मुबारक हो यह सौगात
बार बार
प्रजातंत्र के नाम।
अपने हस्तिनापुरों में -3
अंधे के हाथ,
लग गए हैं रेवडियों के भंडार,
अक्षय पात्र में प्रकट होती किसी सम्पदा की तरह
बांटे जा रहा है उसे लगातार,
महानता के बोध से दिपदिपाते,
तो कभी वंचित कर सकने के क्रूर सामर्थ्य का अहसास लिए,
अंधा यह जानता है कि कौन उसका अपना है और कौन पराया,
स्पर्श/ गन्ध/ आवाज/ आकृति
यहां तक की
मौजूदगी का अहसास भी, सलाहकारों की
विराट सेना के बीच
तलाश लेता है परामर्श स्वीकारने अथवा
नकारने की वजह,
जानता है यह भी कि दान का अपरिमित सामर्थ्य
कल फिर नहीं होगा उसके पास,
समय के किसी मोड़ पर खुद उसे खड़े रहना पड़ सकता है
किसी और के आगे दान पात्र लिए, अहंकार और
आत्ममुग्धता के बावजूद,
समझता है वह सब गदगद और कृतज्ञ नहीं है उसके प्रति।
आंसू और कड़वाहट ईर्ष्या और षडयंत्रों की आंच अनुभव कर रहा है।
जानता है वह मील के अगले पत्थर के लिए
फिर नई दौड़ की सबकी उतावली
नए भगवान और उसके दलालों के सहारे।
ठगा सा महसूस करता है
हाथ खाली हो जाने पर अपनी महत्वहीनता की कल्पना से।
रेवडियों से वंचित,
बगावत की आवाजों को
घोंट भी दे दरबानों के आतंक से तब भी आखों की चिंगारियां
और भींची हुई मुठियां
दिख जाती है उसे बन्द आंखों के बावजूद.
दृष्टी का कोई भी वरदान
सुविधाजनक नही होगा।
अपने हस्तिनापुरों में -4
चक्रव्यूह के हर द्वार पर
मैं अकेला ही खड़ा था, महारथियों की
समवेत सेना के सम्मुख,
तलवारों की नोंक से
अपने को बचाता हुआ
अंधी सुरंगों के बीच
उजास की रेखाएं ढूंढ निकालता हुआ,
आसपास होकर भी बहुत दूर थे अपने लोग,
किसी की दुआओं
किसी के आशीषों
किसी के गुर और मंत्रणाओं से बहुत परे
मुझे ही लेने थे अपने निर्णय,
चुनने थे अपने हथियार
बनानी थी खुद ही रणनीति,
एक ही चूक से जहां खत्म हो जाता है खेल,
गढ़ती और विसर्जित होती हैं
प्रतिमाएं।
बदल जाते हैं भूगोल और इतिहास।
समय के हर मोड़ पर
अकेले ही लड़नी होती हैं निर्णायक लड़ाई
हमेशा।
अपने हस्तिनापुरों में-5
जनतंत्र,
जन की नहीं
धन की शक्ति से चलता है,
जैसे हर भगवान को चाहिए,
विराट और समृद्ध मन्दिर
भेंट और चढावे सुरक्षा और दिव्यत्व भक्त और महंत,
जनतंत्र को भी चाहिए कुछ रुतबा,
अभेद्य सुरक्षाचक्र से मंडित संसद,
विधानसभाएं, मंत्री, राज्यपाल,
राष्ट्रपति के लिए आलीशान कोठियां,
महल, बगीचे. वर्दी और मैडल सुसज्जित कमांडो,
लालबत्ती, सायरन, लम्बे काफिले, वेतन भत्ते सुविधाएं, विदेश यात्राएं, विशेष विमान,
देवताओं की तरह फूलमालाएं, चढावे।
प्रवचन सुनने,
तालियां बजाने को तत्पर भक्तों की जमात. प्रजातंत्र के इन मन्दिरों के लिये
तख्त, ताज और मूर्तियां, उन्हें जुटाने को लालायित,
सेठ- साहूकार-ठेकेदार
स्वर्ग मिलने के आश्वासनों के
दिव्य अहसास के साथ,
एक वोट डालने से नहीं हिलती
दिल्ली की सल्तनत
यूं दिल बहलाने के लिए
अच्छा ख्याल है यह भी।
सरकार बनाने-बचाने के लिए
कई बाहुबली, कई-कई बिचौलिये पर्दे के पीछे की सौदेबाजी
आंकड़ों की हेराफेरी
भेड़ों को बांधने में सक्षम रस्सियां,
संचार क्रांति के इस वक्त में अपने पक्ष में प्रचार-प्रसार,
चैनलों पर माहौल बनाना.
ब्लैकमेलिंग के तमाम उपकरण
ढेरों प्रलोभन।
बन ही जाती है सहमति
हो ही जाती है आकाशवाणी
किसी नाम की
और फूलों की वर्षा भी स्वर्ग से,
जनतंत्र की विजय का
यह समारंभ
सम्पन्न होता है
ठगी सी जनता के लिए।
अपने हस्तिनापुरों में-6
कैद है हम
अपने हस्तिनापुरों में बगैर जंजीरों के
कारागार की दीवारों से बाहर,
समर्थ, चेतन विवेकवान होने के बावजूद,
देख रहे हैं,
मनुष्यत्व के विरोध में षडयंत्रों का अंतहीन सिलसिला,
मौन ओढ़ कर
विध्वंसों का इंतजार, रगों में बहता खून
जम सा गया है,
अपमान और बदसलूकी सह कर भी नहीं तनती मुठ्ठियां,
शस्त्र जैसे बन गए अलंकार मात्र,
जानते हुए भी कि बस एक आवाज भर शेष है
तमाम मुर्दों में प्राण फूंकने के लिए,
फिर भी मुंह से नहीं निकलती बगावत की आवाज,
कौन सा वह मोह है?
किस बात का इंतजार है?
कौन सी वे प्रतिज्ञाएं तन-मन-मस्तिष्क को जकड़े हुए
पत्थर सी लदी सीने पर, क्या हम
अपने आप से मुक्त नहीं हो सकते?
वेबदुनिया पर पढ़ें
समाचार
बॉलीवुड
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
धर्म-संसार
महाभारत के किस्से
रामायण की कहानियां
रोचक और रोमांचक
Show comments
सभी देखें
जरुर पढ़ें
ग्लोइंग स्किन के लिए चेहरे पर लगाएं चंदन और मुल्तानी मिट्टी का उबटन
वर्ल्ड लाफ्टर डे पर पढ़ें विद्वानों के 10 अनमोल कथन
गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे
वर्कआउट करते समय क्यों पीते रहना चाहिए पानी? जानें इसके फायदे
सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है खाने में तड़का, आयुर्वेद में भी जानें इसका महत्व
सभी देखें
नवीनतम
इन विटामिन की कमी के कारण होती है पिज़्ज़ा पास्ता खाने की क्रेविंग
The 90's: मन की बगिया महकाने वाला यादों का सुनहरा सफर
सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है नारियल की मलाई, ऐसे करें डाइट में शामिल
गर्मियों में ये 2 तरह के रायते आपको रखेंगे सेहतमंद, जानें विधि
क्या आपका बच्चा भी चूसता है अंगूठा तो हो सकती है ये 3 समस्याएं