मैं बनूँ शाहजहाँ तू मेरी मुमताज़ महल आ तेरे प्यार में तामीर करूँ ताजमहल
तू ही उर्दू का अदब और तू ही शेर-ओ-सुख़न तू ही है गीत-ओ-रुबाई-ओ-क़ता हम्द-ए-ज़हन तू ही है शेर का अशआर तू मफ़हूम-ए-नज़्म तू ही महफ़िल तू ही शम्मा तू मोहब्बत की बज़्म मै बनूँ 'मीर'-ओ-'ग़ालिब' तू बने मेरी ग़ज़ल आ तेरे प्यार में तामीर करूँ ताजमहल
तू चमेली तू ही चम्पा तू गुलाब-ओ-गुलनार तू ही नरगिस तू ही शहनाज़-ओ-हिना हरसिंगार रातरानी भी तू ही और तू जूही की कली मोगरे की तू ही ख़ुशबू तू मोतिए की हँसी मै बनूँ एक चमन तू हो मेरा फूल कँवल आ तेरे प्यार में तामीर करूँ ताजमहल
तू ही लैला तू ही शीरी तू ही हो हीर मेरी क़ैस-ओ-फ़रहाद-ओ-राँझे-सी हो तस्वीर मेरी तू ही सोहनी का हो चेहरा मैं ही महिवाल तेरा तू ही हो श्याम की राधा मैं ही गोपाल तेरा मैं बनूँ राम तू बन जाए सिया का आँचल आ तेरे प्यार में तामीर करूँ ताजमहल
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तू वो जुगनू है के सूरज भी जिससे शरमाए तू वो तितली है जो ख़ुशरंग फ़िज़ा कर जाए तू ही वो हश्र है चश्म-ए-ग़ज़ाल हैं जिससे अन्दलीबों कि हँसी तेरी सदा के किस्से तू ही बुलबुल तू ही है चकोर पपीहा कोयल आ तेरे प्यार में तामीर करूँ ताजमहल
तू ही मौसम तू ही वादी तू बहार-ए-गुलशन तू ही पतझड़ तू ही बरखा तू ही सर्दी की चुभन तू ही झरना तू ही नदिया तू ही सागर की लहर तू ही चंदा तू ही सूरज तू ही तारों का शहर तू ही बिजली तू ही पानी तू हवा ये बेकल आ तेरे प्यार में तामीर करूँ ताजमहल ।