ख्वाब, कोरे कागज जैसे

काव्य-संसार

Webdunia
ND
जब काटा होगा तुमने मेरा फोन
तब कटा होगा ना
तुम्हारे भी भीतर बहुत कुछ,

जब देर तक नहीं आया होगा
मेरा कोई मैसेज
तब देखा होगा ना
तुमने मोबाइल उठाकर,

जब रात भर मैंने
नहीं दिया कोई मिस कॉल
तब मचला होगा ना
तुम्हारी अँगुलियों पर
कोई 'एफ' से शुरू होता नाम,

जब तीन दिनों तक
रही मैं खामोश
तब चमकी होगी ना मेरी तस्वीर
सेलफोन की स्क्रीन पर,

यह सब वह कोरी कल्पनाएँ हैं
जो तुमसे लड़ने के बाद
तन्हा रातों में उलझती ह ै मुझसे,

जबकि हो सकता है कि
तुम खो जाते होंगे काम में
और फिर
सो जाते होंगे रात में,

अब जब खत्म होगी
लंबे अंतराल के बाद
हमारी लड़ाई,
तब इन कल्पनाओं को
दूज के चाँ द-स े पतले
चमकीले तार में लपेट
भेंट करूँगी तुम्हें,

फिर देखूँगी
झूठ बोलते हुए
गहराते
तुम्हारी आँखों के लाल डोरे,
य ह भी ख्वाब हैं, जैसे कागज कोर े,
अभी तो टूटे हैं सारे सपन सलोने... !
Show comments

इस चाइनीज सब्जी के आगे पालक भी है फैल! जानें सेहत से जुड़े 5 गजब के फायदे

आइसक्रीम खाने के बाद भूलकर भी न खाएं ये 4 चीज़ें, सेहत को हो सकता है नुकसान

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है नारियल की मलाई, ऐसे करें डाइट में शामिल

लू लगने से आ सकता है हार्ट अटैक, जानें दिल की सेहत का कैसे रखें खयाल

जल्दी निकल जाता है बालों का रंग तो आजमाएं ये 6 बेहतरीन टिप्स

AC का मजा बन जाएगी सजा! ये टेंपरेचर दिमाग और आंखों को कर देगा डैमेज, डॉक्टरों की ये सलाह मान लीजिए

गर्मी में फलों की कूल-कूल ठंडाई बनाने के 7 सरल टिप्स

घर में नहीं घुसेगा एक भी मच्छर, पोंछे के पानी में मिला लें 5 में से कोई एक चीज

क्या कभी खाया है केले का रायता? जानें विधि

जीने की नई राह दिखाएंगे रवींद्रनाथ टैगोर के 15 अनमोल कथन