लघु कहानी : संगति

देवेन्द्र सोनी
संगति का असर तो होता ही है। यह बात रमेश को उस समय समझ आई, जब 1 माह तक अपनी बुरी आदतों को छोड़कर वह सादगी से अपने कर्म में जुटा रहा। उसके व्यवहार परिवर्तन के बाद ही रमेश के 'गुरुजी' आज घर आ रहे थे। वह उनके आगमन से उत्साहित और प्रसन्न था। साथ ही उसे यह पछतावा भी हो रहा था कि काश! पहले ही उसे सच्चा मार्गदर्शन क्यों नहीं मिला। क्यों उसने अपने परिजनों की समझाइश पर ध्यान नहीं दिया? 
 
पर कहते हैं ना कि 'जब जागे तभी सवेरा'। यही सवेरा अब रमेश की बर्बाद होती जिंदगी में खुशहाली लेकर आया था। उसे याद आ रहा था कि कैसे अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए वह गलत संगत का शिकार हुआ और शराब-शबाब को अंगीकार कर अपने हंसते-खेलते परिवार से धीरे-धीरे दूर होता चला गया। 
 
सुबह से रात तक सिगरेट-शराब के आदी हो चुके रमेश को कई बार सबने समझाया, पर उस पर कोई असर नहीं हुआ। लेकिन जब व्यवसाय बैठ गया तो उसके एक मित्र ने उसे एक सिद्धपुरुष से मिलवाया। 
 
कुछ सोचकर महात्मन् ने रमेश से कहा- 'सब ठीक हो जाएगा, पर इसके लिए तेरे घर में एक अनुष्ठान करना होगा।'
 
अपनी अनेक परेशानियों से घिरे निराश रमेश ने इस हेतु सहर्ष स्वीकृति दे दी लेकिन गुरुजी ने घर में प्रवेश करने से इंकार कर दिया। 
 
रमेश ने जब कारण जानना चाहा तो अपने नेत्र बंद कर वे बोले- 'तेरे घर से शराब की बू आ रही है। ऐसे में मातारानी का अनुष्ठान नहीं हो सकता। तुझे सिगरेट और शराब छोड़ना होगी। यदि ऐसा कर सका तो 1 माह बाद अनुष्ठान हो सकेगा जिससे तेरी सारी परेशानी दूर हो जाएगी और व्यवसाय फिर चल पड़ेगा। साथ ही परिवार में भी सुख-शांति आ जाएगी।'
 
गुरुजी की बात सुनकर रमेश पसोपेश में पड़ गया लेकिन तुरंत ही स्वयं को संभालते हुए उसने गुरुजी को वचन दे दिया- 'अभी से ही वह सिगरेट और शराब को हाथ नहीं लगाएगा और उसने यह कर दिखाया।' 
 
आज 1 माह हो गया था। गुरुजी अनुष्ठान के लिए घर आ रहे थे। परिवार के सभी सदस्य खुशी-खुशी अनुष्ठान और गुरुजी के स्वागत की तैयारी में जुटे थे। अनुष्ठान पूरा हुआ और कुछ ही दिनों में सार्थक परिणाम भी दिखने लगे।
 
रमेश ने दोनों प्रकार की संगत का असर देख लिया था। वह समझ गया था- अच्छी और बुरी संगत के परिणामों को!

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

जानिए कैसे मंगोल शासक अल्तान खान की वजह से शुरू हुई थी लामा परंपरा? क्या है दलाई लामा का इतिहास

Hustle Culture अब पुरानी बात! जानिए कैसे बदल रही है Work की Definition नई पीढ़ी के साथ

ग्लूटाथियोन बढ़ाने के लिए इंजेक्शन या दवाइयां खाने से बेहतर है खाएं ये फल और सब्जियां, जानें कुदरती उपाय

सावन मास में शिवजी की पूजा से पहले सुधारें अपने घर का वास्तु, जानें 5 उपाय

सिरदर्द से तुरंत राहत पाने के लिए पीएं ये 10 नैचुरल और स्ट्रेस बस्टर ड्रिंक्स

सभी देखें

नवीनतम

महाराष्‍ट्र की राजनीति में नई दुकान... प्रोप्रायटर्स हैं ठाकरे ब्रदर्स, हमारे यहां मराठी पर राजनीति की जाती है

खाली पेट पेनकिलर लेने से क्या होता है?

बेटी को दीजिए ‘इ’ से शुरू होने वाले ये मनभावन नाम, अर्थ भी मोह लेंगे मन

चातुर्मास: आध्यात्मिक शुद्धि और प्रकृति से सामंजस्य का पर्व

कॉफी सही तरीके से पी जाए तो बढ़ा सकती है आपकी उम्र, जानिए कॉफी को हेल्दी बनाने के कुछ स्मार्ट टिप्स

अगला लेख