लघुकथा : दादाजी

Webdunia
इतिश्री सिंह राठौर 

वह किसी से मिलने गई थी अस्पताल। उसके किसी रिश्तेदार को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। झमाझम बारिश हो रही थी। रीमा उन्हें ही ढूंढ रही थी। 
 
कमरा नंबर 417 तो कहा था उसने लेकिन कहां है यह?
 
 शायद ऊपर हो...  
 
 छी!
 
कितनी गंदगी है....यह सरकारी अस्पताल तो ...


 


 
अरे इस बूढ़े को कोई हटाता क्यों नहीं..डॉक्टर ने तुम्हें कहा ना कि तुम डिस्चार्ज हो गए हो। फिर भी पिछले पांच दिनों से अस्पताल के बरामदे में ही जमे हुए हो। 
 
यह आवाज आ रही थी कमरा नंबर 418 के बाहर बरामदे में लगी भीड़ से। भीड़ को चीरते हुए रूपा आगे बढ़ी। पता नहीं लोग किसे घूर रहे हैं। कोई वृद्ध है। 
 
चेहरा नहीं देख पा रही थी रीमा उसका। वह मिन्नते कर रहा था नर्स से मुझे बरामदे में सोने दीजिए..
 
नर्स बोले जा रही थी। 
 
अचानक उस वृद्ध का चेहरा रीमा के सामने आया। 
 
रीमा जोर से चिल्लाई - दादाजी..............!!! 
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

बिन बालों की ब्राइड निहार सचदेव का बोल्ड एंड ब्यूटीफुल लुक, ताने मारने वालों को ऐसे दिया करारा जवाब

अपने बच्चों को सरल और आसान भाषा में समझाएं गुड टच और बेड टच, इन टिप्स की लें मदद

जल्दी करना है वेट लॉस तो फॉलो करें ये मैजिक रूल्स, रिजल्ट देखकर लोग करेंगे तारीफ

सर्दियों में इन 5 बीमारियों में बहुत फायदेमंद है संतरे का जूस, जानिए क्या है सेवन का सही तरीका

लाइफ को स्ट्रेस फ्री बनाते हैं ये ईजी टिप्स, रूटीन में करें शामिल

सभी देखें

नवीनतम

Valentine Day Astrology: इस वेलेंटाइन डे पर पहनें राशिनुसार ये रंग, प्रेम जीवन में होगा चमत्कार

Propose Day : इन देशों में प्यार जताना पड़ सकता है भारी, जाना पड़ सकता है जेल

दुनिया भर में वेलेंटाइन डे पर प्यार के इस खास दिन पर निभाई जाती हैं ये अनोखी परंपराएं

Valentines Day 2025: कैसे मनाया जाता है वेलेंटाइन डे? जानें तथ्य और रोचक बातें

वेलेंटाइन वीक में अपने पार्टनर के साथ देखिये री-रिलीज होने जा रहीं बॉलीवुड की ये रोमांटिक फिल्में