लघुकथा : दान से आई बसंती मुस्कान

सपना सीपी साहू 'स्वप्निल'
ऑफिस के बाहर बूढ़ी भिक्षुक महिला जिसके फटेहाल देख निष्ठुर मन भी एक पल को पिघल जाए। सुहानी उसे देख पर्स से अपना टिफिन निकाल कर देने लगी। परन्तु उसने नहीं चाहिए का इशारा कर दिया।
 
 "अम्मा मना मत करो ये खाने की चीज है, ले लो तुम्हारा पेट भरेगा।"
 
"अम्मा अपने बर्तन और झोले में रखा खाना दिखाते हुए बोली - बेटी! मैं अकेली कितना खाऊँ? इस बुढे़ तन को भूख-प्यास के अलावा जिंदा रखने के लिए दवाई भी चाहिए।"
 
"भिक्षा में रुपये ना देने का संकल्प करने वाली सुहानी ने लरज़ते हाथों से दवा का पर्चा ले लिया और थोड़ी देर बाद जब दवा के साथ पहुँची तो झुर्रियों भरे चेहरे पर बसंती मुस्कान थी।"
 
©®सपना सी.पी.साहू "स्वप्निल"

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

वजन घटाने से लेकर दिमाग तेज करने तक, माचा टी है सबका हल

मधुमेह रोगियों को सावन व्रत में क्या खाना चाहिए, जानें डायबिटिक व्रत भोजन की सूची और 6 खास बातें

क्यों आते हैं Nightmares? बुरे सपने आने से कैसे खराब होती है आपकी हेल्थ? जानिए वजह

बारिश के मौसम में बैंगन खाने से क्या होता है?

सावन में भोलेनाथ के इन 10 गुणों को अपनाकर आप भी पा सकते हैं स्ट्रेस और टेंशन से मुक्ति

सभी देखें

नवीनतम

कब ली गई थी भारत के नोट पर छपी गांधी जी की तस्वीर? जानें इतिहास

सावन में इस रंग के कपड़े पहनने की वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

कौन हैं ग्रैंड मुफ्ती ऑफ इंडिया जिन्होंने रुकवाई नर्स निमिषा प्रिया की फांसी? पहले भी रह चुके हैं चर्चा में

गुरु हर किशन जयंती, जानें इस महान सिख धर्मगुरु के बारे में 6 अनसुनी बातें

‘इंतज़ार में आ की मात्रा’ पढ़ने के बाद हम वैसे नहीं रहते जैसे पहले थे

अगला लेख