लघुकथा : दावत

Webdunia
- आलोक वार्ष्णेय

शादियों और दावतों का माहौल था। इसी का तो इंतजार रहता था उसे। कितने दिन हुए थे दावत खाए हुए। अब तो पूरे 3 महीनों तक मजे रहेंगे। कभी इस गेस्ट हाउस तो कभी उस गेस्ट हाउस। सोचकर ही बहुत प्रफुल्लित था वो।

दावत उड़ाते हुए उसका दिमाग बस लगातार यही सोच रहा था। उसके हाथ थम नहीं रहे थे। आस-पास के लोग भी उसे अजीब नजरों से देख रहे थे, मगर वो इन सब बातों से बेखबर अपनी दावत उड़ा रहा था।

...और फिर क्यूं न वो दावत का मजा लेता आखिर इतने दिनों बाद तो उस भिखारी को कुछ अच्छा खाने को मिला था। और इसी उमंग में वो उन झूठी पत्तलों से खाना बटोरकर खाता जा रहा था और ईश्वर को इस मौके के लिए धन्यवाद देता जा रहा था।



ऐसी और खबरें तुरंत पाने के लिए वेबदुनिया को फेसबुक https://www.facebook.com/webduniahindi पर लाइक और 
ट्विटर https://twitter.com/WebduniaHindi पर फॉलो करें। 
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

बिन बालों की ब्राइड निहार सचदेव का बोल्ड एंड ब्यूटीफुल लुक, ताने मारने वालों को ऐसे दिया करारा जवाब

अपने बच्चों को सरल और आसान भाषा में समझाएं गुड टच और बेड टच, इन टिप्स की लें मदद

जल्दी करना है वेट लॉस तो फॉलो करें ये मैजिक रूल्स, रिजल्ट देखकर लोग करेंगे तारीफ

सर्दियों में इन 5 बीमारियों में बहुत फायदेमंद है संतरे का जूस, जानिए क्या है सेवन का सही तरीका

लाइफ को स्ट्रेस फ्री बनाते हैं ये ईजी टिप्स, रूटीन में करें शामिल

सभी देखें

नवीनतम

Valentine Day Astrology: इस वेलेंटाइन डे पर पहनें राशिनुसार ये रंग, प्रेम जीवन में होगा चमत्कार

Propose Day : इन देशों में प्यार जताना पड़ सकता है भारी, जाना पड़ सकता है जेल

दुनिया भर में वेलेंटाइन डे पर प्यार के इस खास दिन पर निभाई जाती हैं ये अनोखी परंपराएं

Valentines Day 2025: कैसे मनाया जाता है वेलेंटाइन डे? जानें तथ्य और रोचक बातें

वेलेंटाइन वीक में अपने पार्टनर के साथ देखिये री-रिलीज होने जा रहीं बॉलीवुड की ये रोमांटिक फिल्में