भीतर का हरापन

लघुकथा

Webdunia
- सीमा पांडे 'सुशी'
' दोनों पानी पी लो' पार्क में घुसते ही एक अनजानी-सी, ममत्वभरी आवाज ने नवदंपति को चौंका दिया। 'पतझड़ के मौसम में आए हो, यहाँ सब ठूँठ ही ठूँठ दिखेंगे', झाड़ियों से निकलकर एक व्यक्ति सामने आया।

' माली हूँ यहाँ का। दोनों आए हो यहाँ अपने पास तो कुछ नहीं है तुमको देने के लिए। ऊपर से पेड़ों पर फूल तो क्या पत्ते भी नहीं है। अब कुछ भी नहीं है तो कम से कम यहाँ का पानी ही पी लो', उसने बहते हुए नल की ओर इशारा किया। पति-पत्नी दोनों आश्चर्यमिश्रित मुस्कान के साथ एक-दूसरे की ओर देखने लगे।

' शायद मालूम नहीं होगा कि इस समय पतझड़ का मौसम चल रहा है, अभी आ गए यहाँ।'

NDND
एक पेड़ को खुरचते हुए उसने कहा - 'देखो, सब के सब हरे हैं अंदर से, बाहर से सूखे दिख रहे हैं बस। सब मौसम का खेल है। पतझड़ आता है तो डाल पर एक भी पत्ता नहीं बचता। अंदर तो हरापन रहता है। बसंत आते ही कोंपलें फूटती हैं, फूल खिलते हैं। मौसम तो आते-जाते रहते हैं, बस भीतर का हरापन बना रहना चाहिए।'

माली अनजाने ही जीवन का पाठ पढ़ा गया था। दोनों ने पानी पिया और एक-दूसरे के हाथ थाम लिए, आने वाले किसी भी मौसम में हमेशा हरापन बचाए रखने के मूक वादे के साथ।

Show comments

ये है दुनिया में खाने की सबसे शुद्ध चीज, जानिए क्या हैं फायदे

मकर संक्रांति 2025: पतंग उड़ाने से पहले जान लें ये 18 सावधानियां

भीगे हुए बादाम या सूखे बादाम, सेहत के लिए क्या है ज्यादा फायदेमंद

क्या आपको महसूस होती है सूर्यास्त के बाद बेचैनी, हो सकते हैं ये सनसेट एंग्जाइटी के लक्षण

थपथपाएं माथा, सेहत रहेगी दुरुस्त, जानें क्या है सही तरीका

स्वामी विवेकानंद और सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर इस बार क्या खास किया जा रहा है?

Lohri Makeup : आंखों को ग्लैमरस और पंजाबी टच देने के लिए अपनाएं ये खूबसूरत आई मेकअप लुक्स

लोहड़ी 2025 : महिलाओं के लिए खास हेयरस्टाइल्स जो बनाएंगी आपका लुक शानदार

Vivekananda Jayanti 2025: स्वामी विवेकानंद जयंती पर क्यों मनाते हैं राष्ट्रीय युवा दिवस?

इस मकर संक्रांति पर साड़ी से पाएं एलिगेंट लुक, लगेंगी ट्रेडिशनल और मॉडर्न का परफेक्ट कॉम्बो