जानिए पुराणों में वर्णित परशुराम के किस्से...

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भगवान परशुराम राम के काल में भी थे और कृष्ण के काल में भी उनके होने की चर्चा होती है। ऐसा माना जाता है कि वे कल्प के अंत तक वे धरती पर ही तपस्यारत रहेंगे।

पौराणिक कथा में वर्णित है कि महेंद्रगिरि पर्वत भगवान परशुराम की तप की जगह थी और अंतत: वह उसी पर्वत पर कल्पांत तक के लिए तपस्यारत होने के लिए चले गए थे। जानिए परशुराम के किस्से - 
 
परशुराम के किस्से - 
 
- जब एक बार गणेशजी ने परशुराम को शिव दर्शन से रोक लिया तो, रुष्ट परशुराम ने उन पर परशु प्रहार कर दिया, जिससे गणेश का एक दांत नष्ट हो गया और वे एकदंत कहलाए।
 
- जनक, दशरथ आदि राजाओं का उन्होंने समुचित सम्मान किया। सीता स्वयंवर में श्रीराम का अभिनंदन किया। 
- कौरव-सभा में कृष्ण का समर्थन किया। 
 
- असत्य वाचन करने के दंड स्वरूप कर्ण को सारी विद्या विस्मृत हो जाने का श्राप दिया था। 
 
- उन्होंने भीष्म, द्रोण व कर्ण को शस्त्र विद्या प्रदान की थी। इस तरह परशुराम के अनेक किस्से हैं।
 
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