शिर्डी के साईं बाबा 5 से 12 वर्ष की उम्र तक यहां रहे थे, जानिए रहस्य...

अनिरुद्ध जोशी
कहते हैं कि सेल्यु या सेलू गांव जहां साईं बाबा ने अपनी उम्र के 5 से 12 वर्ष तक अपने गुरु से योग की शिक्षा ली थी। महाराष्ट्र के परभणी जिले के पाथरी गांव में साईं बाबा का जन्म हुआ था और सेल्यु में बाबा के गुरु वैकुंशा रहते थे।
 
यह हिस्सा हैदराबाद निजामशाही का एक भाग था। भाषा के आधार पर प्रांत रचना के चलते यह हिस्सा महाराष्ट्र में आ गया तो अब इसे महाराष्ट्र का हिस्सा माना जाता है। 
 
महाभारत काल में पाथरी में पांडवों ने यहां अश्वमेध यज्ञ किया था, तब अर्जुन अपनी फौज लेकर यहां उपस्थित थे। अर्जुन को पार्थ भी कहा जाता है। यही पार्थ बिगड़कर पाथरी हो गया। अब पातरी व पात्री कहा जाता है।
 
बाबा के गुरु महाराज साईं बाबा को योग सिखाने के लिए सेलू से 30 किलोमीटर दूर जालना जिले के उमरखेत गांव के एक किले में ले जाया करते थे। इसी गांव के आगे है खंडोबा मंदिर।

शिर्डी के इस खंडोबा मंदिर के सामने ही सबसे पहले साईं रूके थे। जहां उनका नाम पड़ा साईं। औरंगाबाद से चांद पाटिल के रिश्तेदार की बारात इस खंडोबा मंदिर के सामने ही उतरी और रुकी थी।

चांद पाटिल के साथ बाल फकीर थे जिन्हें देखकर मंदिर के पुजारी म्हाल्सापति ने उन्हें साईं कहकर पुकारा।

ALSO READ: तो शिर्डी के साथ दुनियाभर में खिर्डी का भी नाम होता...

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

हिन्दू नववर्ष को किस राज्य में क्या कहते हैं, जानिए इसे मनाने के भिन्न भिन्न तरीके

कब मनेगी ईद 31 मार्च या 1 अप्रैल, जानिए सही तारीख

नवरात्रि की प्रथम देवी मां शैलपुत्री की कथा

चैत्र नवरात्रि 2025 पर अपनों को शेयर करें ये विशेस और कोट्स, मां दुर्गा के आशीर्वाद से जीवन होगा मंगलमय

गुड़ी पड़वा विशेष: गुड़ी पर क्यों चढ़ाते हैं गाठी/पतासे का हार, जानिए इसका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

सभी देखें

धर्म संसार

29 मार्च 2025 : आपका जन्मदिन

29 मार्च 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

नवरात्रि में देश के इन पांच दुर्गा मंदिरों में दर्शन का है विशेष महत्व, आप भी लीजिए दर्शन का लाभ

रमजान के पवित्र महीने में क्यों रखे जाते हैं रोजे, जानिए क्यों मनाई जाती है मीठी ईद

चैत्र नवरात्रि में कौन सा रंग पहनें? जानें 9 दिन के 9 रंगों का शुभ महत्व

अगला लेख