जलेबी-जत्रा की अनूठी परंपरा

जलेबी खिलाकर दूर किए जाते हैं गिले-शिकवे

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चापड़ा (देवास)। जिले की बागली तहसील में जलेबी खाने-खिलाने की अनूठी परंपरा 'जलेबी-जत्रा' वर्षों से अनवरत चली आ रही है। धुलेंडी से कृष्ण पक्ष की एकादशी तक चलने वाले मिठासभरे इस रसभीने लोक पर्व का हर वर्ग और हर तबके के लोग खूब आनंद उठाते हैं।

प्राचीनकाल से यह परंपरा चली आ रही है। कहीं यह पर्व एक दिन, तो कहीं दो-तीन दिन मनाया जाता है। जलेबी खिलाकर जहाँ एक-दूसरे के गिले-शिकवे दूर किए जाते हैं, वहीं मन की कटुता मिटाकर संबंधों में प्रेम, भाईचारे और सद्भाव की मिठास घोलने का उपक्रम भी किया जाता है।

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