होली विशेष : हर बाधा हटाएं, होली पर अपनाएं यह उपाय

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डॉ. रामकृष्ण डी. तिवारी
होली उत्साह का प्रमुख पर्व है। देश के लगभग प्रत्येक भाग में यह त्योहार मनाया जाता है। धार्मिक दृष्टि से भी इसका बहुत महत्व है। वर्षभर में आने वाली त्रि-राशियों में से एक होली की रात्रि भी है जिसमें किए गए सभी धार्मिक अनुष्ठान, मंत्र, जाप, पाठ आदि सिद्ध, अक्षुण्ण हो जाते हैं जिनका फल जीवनपर्यंत कर्ता को प्राप्त होता है।

 
पुराणों में एक प्रचलित कथा के अनुसार राजा हिरण्यकश्यप ईश्वर-विरोधी थे किंतु उनका पुत्र प्रहलाद ईश्वर का अनन्य भक्त था। पिता के मना करने पर भी वह भगवान में आस्था रखता था अत: उसे मरवाने के लिए राजा ने अपनी बहन होलिका को अपने पुत्र को गोद में लेकर जलती लकड़ियों पर बैठ प्रहलाद को भस्म करने के लिए कहा। होलिका को देवताओं से वरदान मिला था कि वह आग से नहीं जल सकती, किंतु भगवान ने भक्त प्रहलाद की रक्षा की और गलत कार्य करने वाली होलिका अग्नि में जल गई। 
 
क्या हैं होली के सरल एवं प्रभावकारी उपाय, जानें अगले पेज पर...

प्रतिवर्ष होलिका दहन किया जाता है एवं एक-दूसरे को रंग लगाकर प्रसन्नता व्यक्त की जाती है। इस होली की अग्नि में अपनी सभी शारीरिक, मानसिक व्याधि, किसी प्रकार की सफलता में रुकावट, आर्थिक कष्ट, अला-बला एवं सभी बाधाओं का नाश करने के लिए एक सरल एवं प्रभावकारी उपाय है जिसे कोई भी आसानी से कम खर्च में करके अपनी सभी बाधाओं को होली की अग्नि में भस्म करके जीवन को सुगम बना सकता है।

इस प्रयोग को करते समय शुद्धता, पवित्रता का विशेष ध्यान रखें। गोपनीयता इस प्रयोग की सफलता के लिए अति आवश्यक है। बिना किसी को भी बताए यह क्रिया करनी चाहिए। इसके लिए होलिका दहन के पूर्व स्नान कर शुद्ध, स्वच्छ वस्त्र धारण कर एक श्रीफल अपने एवं परिवार के सदस्यों के ऊपर से सात बार घड़ी की सुई की दिशा में उतारें।

यदि किसी सदस्य को अधिक परेशानी है तो उनके लिए अलग से श्रीफल उतारें। अब अपने अभीष्ट देवता का ध्यान करके अपनी समस्या को उन्हें बताकर श्रीफल होलिका में डाल दें एवं होलिका की सात प्रदक्षिणा करके परेशानी दूर करने की प्रार्थना करें एवं अपने एवं परिवार के लिए स्वास्थ्य, यश, दीर्घायु, धन, लाभ आदि की कामना करके हाथ जोड़कर प्रणाम करें तथा घर आकर अपने ईष्टदेव को प्रणाम करें तथा घर के सभी बड़े-बुजुर्गों से आशीर्वाद लें। 
 
भगवान को फल‍, मिष्ठान्न आदि का यथाशक्ति भोग लगाकर स्वयं ग्रहण करें। इस प्रयोग के कर्ता को उस दिन किसी प्रकार का नशा या मांसाहार का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस प्रयोग के प्रभाव एवं भगवान की कृपा से सारी समस्याएं जो आपके जीवन में हैं, वह होली की अग्नि में स्वाहा हो जाएगी तथा आपका जीवन सरल, सुगम एवं समृद्धिशाली हो जाएगा।
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