✕
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
लोकसभा चुनाव
समाचार
स्पेशल स्टोरीज
रोचक तथ्य
चर्चित लोकसभा क्षेत्र
लोकसभा चुनाव का इतिहास
भारत के प्रधानमंत्री
IPL 2024
IPL टीम प्रीव्यू
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
शेड्यूल
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
Hindi
English
தமிழ்
मराठी
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
समाचार
लोकसभा चुनाव
IPL 2024
बॉलीवुड
धर्म-संसार
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
होली के दोहे : पिचकारी, गुलाल और फागुन
Webdunia
* होली-फाग के दोहे : रंगरंगीले त्योहार पर फाग के दोहे...
- माणिक वर्मा
दृष्टि यदि इनसान की, पिचकारी हो जाए
कोई दामन आपको, उजला नजर न आए।
क्या होली के रंग हैं, इस अभाव के संग
गोरी भीतर को छिपे, बाहर झांके अंग।
आशिक और कम्यूनिस्ट की, एक सरीखी रीत
जब तक मुखड़ा लाल है, तब तक इनकी प्रीत।
हम हैं धब्बे रंग के, पीड़ा की औलाद
जीवनभर न हो सके, आंचल से आजाद।
*****
आसमान का इन्द्रधनुष, कौन धरा पर लाए
जब कीचड़ से आदमी, इन्द्रधनुष हो जाए।
क्या वसंत की दोस्ती, क्या पतझड़ का साथ
हम तो मस्त कबीर हैं, किसके आए हाथ।
ऑक्सीजन पर शहर है, जीवित न रह जाए
मरने वालों देखना, हम पर आंच न आए।
क्या धनिया के आज तक, कोई सपन फगुनाय
होरी मिले तो पूछना, वोट किसे दे आए।
जनता कितनी श्रेष्ठ है, जब चाहे फंस जाए
पहले भीगे रंग में, फिर चूना लगवाए।
*****
फागुन को लगने लगे, वैसाखी के पांव
इसीलिए पहुंचा नहीं, अब तक अपने गांव।
क्या वसंत का आगमन, क्या उल्लू का फाग
अपनी किस्मत में लिखा, रात-रातभर जाग।
जरा संभल कर दोस्तों, मलना मुझे अबीर
कई लोगों का माल है, मेरा एक शरीर।
****
देख नहाए रूप को, पानी हुआ गुलाल
रक्त मनुज का फेंक कर, उसमें विष मत डाल।
उस लड़की को देखकर, उग आई वो डाल
जिस पर कि मसले गए, एक कैरी के गाल।
मछुआरे के जाल में, मछली पीवे रेत
बगुले उसको दे रहे, लहरों के संकेत।
*******
घूंघट तक तो ठीक था, बोली मारे घाव
हलवाई के गांव में, चीनी का ये भाव।
कोयल बोली कूक कर, आओ प्रियवर काग
यही समय की मांग है, हम-तुम खेलें फाग।
कीचड़ उनके पास था, मेरे पास गुलाल
जो भी जिसके पास था, उसने दिया उछाल।
*******
वो और सहमत फाग से, वह भी मेरे संग
कभी चढ़ा है रेत पर, इन्द्रधनुष का रंग।
एक पिचकारी नेह की, बड़ी बुरी है मार
पड़े तो मन की झील भी, पानी मांगे उधार।
आज तलक रंगीन है, पिचकारी का घाव
तुमने जाने क्या किया, बड़े कहीं के जाव।
****
जिन पेड़ों की छांव से, काला पड़े गुलाल
उनकी जड़ में बावरे, अब तो मठ्ठा डाल।
बिल्ली काटे रास्ता, गोरी नदी नहाय
चल खुसरो घर आपने, फागुन के दिन आय।
उधर आम के बौर से, कोयल रगड़े गाल
इधर तू छत पर देख तो, वासंती का हाल।
अमलतास को छेड़ती, यूं फागुनी बयार
जैसे देवर के लिए, नई भाभी का प्यार।
पनवाड़ी का छोकरा, खड़ा कबीरा गाय
दरवाजे की ओट से, कैसे फागुन आए।
****
वेबदुनिया पर पढ़ें
समाचार
बॉलीवुड
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
धर्म-संसार
महाभारत के किस्से
रामायण की कहानियां
रोचक और रोमांचक
Show comments
सभी देखें
ज़रूर पढ़ें
क्या कर्मों का फल इसी जन्म में मिलता है या अगले जन्म में?
वैशाख अमावस्या का पौराणिक महत्व क्या है?
शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में होंगे वक्री, इन राशियों की चमक जाएगी किस्मत
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य
Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका
सभी देखें
धर्म संसार
धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान
घर के पूजा घर में सुबह और शाम को कितने बजे तक दीया जलाना चाहिए?
Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?
100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत
Varuthini ekadashi 2024: वरुथिनी व्रत का क्या होता है अर्थ और क्या है महत्व
अगला लेख
होली विशेष : अलग-अलग चटपटी फनी शायरी