होली की रात होती है भगवान नृसिंह की आराधना, पढ़ें चमत्कारी स्तोत्र

Webdunia
Narsingh Avtar
 
होली (Holi 2022) के दिन भगवान नृसिंह की आराधना करने का विशेष महत्व है। वे भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार (Narsimha Avtar) माने जाते हैं। उनका यह स्तोत्र अत्यंत चमत्कारी प्रभाव देने वाला है। हर भव बाधा को दूर करने वाले इस स्तोत्र (Narsimha stotram) का होली की रात अवश्य पढ़ना चाहिए। 
 
यहां पढ़ें संपूर्ण श्री नृसिंह स्तोत्र-Narsimha stotram  
 
ब्रह्मोवाच
नतोऽस्म्यनन्ताय दुरन्तशक्तये विचित्रवीर्याय पवित्रकर्मणे।
विश्वस्य सर्ग-स्थिति-संयमान्‌ गुणैः स्वलीलया सन्दधतेऽव्ययात्मने॥1॥
 
श्रीरुद्र उवाच
कोपकालो युगान्तस्ते हतोऽयमसुरोऽल्पकः।
तत्सुतं पाह्युपसृतं भक्तं ते भक्तवत्सल॥2॥
 
इंद्र उवाच
प्रत्यानीताः परम भवता त्रायतां नः स्वभागा।
दैत्याक्रान्तं हृदयकमलं स्वद्गृहं प्रत्यबोधि।
 
कालग्रस्तं कियदिदमहो नाथ शुश्रूषतां ते।
मुक्तिस्तेषां न हि बहुमता नारसिंहापरैः किम्‌॥3॥
 
ऋषय उवाच
त्वं नस्तपः परममात्थ यदात्मतेजो येनेदमादिपुरुषात्मगतं ससर्ज।
तद्विप्रलुप्तमनुनाऽद्य शरण्यपाल रक्षागृहीतवपुषा पुनरन्वमंस्थाः॥4॥
 
पितर ऊचुः
श्राद्धानि नोऽधिबुभुजे प्रसभं तनूजैर्दत्तानि तीर्थसमयेऽप्यपिबत्तिलाम्बु।
तस्योदरान्नखविदीर्णवपाद्य आर्च्छत्तस्मै नमो नृहरयेऽखिल धर्मगोप्त्रे॥5॥
 
सिद्धा ऊचु:
यो नो गतिं योगसिद्धामसाधुरहारषीद्योगतपोबलेन।
नानादर्पं तं नखैर्निर्ददार तस्मै तुभ्यं प्रणताः स्मो नृसिंह॥6॥
 
विद्याधरा ऊचु:
विद्यां पृथग्धारणयाऽनुराद्धां न्यषधदज्ञो बलवीर्यदृप्तः।
स येन संख्ये पशुवद्धतस्तं मायानृसिंहं प्रणताः स्म नित्यम्‌॥7॥
 
नागा ऊचु:
येन पापेन रत्नानि स्त्रीरत्नानि हृतानि नः।
तद्वक्षःपाटनेनासां दत्तानन्द नमोऽस्तु ते॥8॥
 
मनव ऊचु:
मनवो वयं तव निदेशकारिणो दितिजेन देव परिभूतसेतवः।
भवता खलः स उपसंहृतः प्रभो कर वाम ते किमनुशाधि किंकरान्‌॥9॥
 
रजापतय ऊचु:
प्रजेशा वयं ते परेशाभिसृष्टा न येन प्रजा वै सृजामो निषिद्धाः।
स एव त्वया भिन्नवक्षाऽनुशेते जगन्मंगलं सत्त्वमूर्तेऽवतारः॥10॥
 
गन्धर्वा ऊचु:
वयं विभो ते नटनाट्यगायका येनात्मसाद् वीर्यबलौजसा कृताः।
स एव नीतो भवता दशामिमां किमुत्पथस्थः कुशलाय कल्पते॥11॥
 
चारणा ऊचु:
हरे तवांग्घ्रिपंकजं भवापवर्गमाश्रिताः।
यदेष साधु हृच्छयस्त्वयाऽसुरः समापितः॥12॥
 
यक्षा ऊचु:
वयमनुचरमुख्याः कर्मभिस्ते मनोज्ञैस्त इह दितिसुतेन प्रापिता वाहकत्वम्‌।
स तु जनपरितापं तत्कृतं जानता ते नरहर उपनीतः पंचतां पंचविंशः॥13॥
 
किंपुरुषा ऊचु:
वयं किंपुरुषास्त्वं तु महापुरुष ईश्वरः।
अयं कुपुरुषो नष्टो धिक्कृतः साधुभिर्यदा॥14॥
 
 
वैतालिका ऊचु:
सभासु सत्रेषु तवामलं यशो गीत्वा सपर्यां महतीं लभामहे।
यस्तां व्यनैषीद् भृशमेष दुर्जनो दिष्ट्या हतस्ते भगवन्‌ यथाऽऽमयः॥15॥
 
किन्नरा ऊचु:
वयमीश किन्नरगणास्तवानुगा दितिजेन विष्टिममुनाऽनुकारिताः।
भवता हरे स वृजिनोऽवसादितो नरसिंह नाथ विभवाय नो भव॥16॥
 
विष्णुपार्षदा ऊचु:
अद्यैतद्धरिनररूपमद्भुतं ते दृष्टं नः शरणद सर्वलोकशर्म।
सोऽयं ते विधिकर ईश विप्रशप्तस्तस्येदं निधनमनुग्रहाय विद्मः॥17॥
 
॥ इति श्रीमद्भागवतान्तर्गते सप्तमस्कन्धेऽष्टमध्याये नृसिंहस्तोत्रं संपूर्णम्‌ ॥

ALSO READ: होली के दिन काली हल्दी का उपाय जिंदगी में कर देगा उजाला, जानिए पारंपरिक उपाय

ALSO READ: होली के रंगों से आंखों को बचाएं, 10 सावधानियां

Narsingh Stotram

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Saat phere: हिंदू धर्म में सात फेरों का क्या है महत्व, 8 या 9 फेरे क्यों नहीं?

Shiv Chaturdashi: शिव चतुर्दशी व्रत आज, जानें महत्व, पूजा विधि और मंत्र

Aaj Ka Rashifal: आज किसे मिलेगा करियर, संपत्ति, व्यापार में लाभ, जानें 06 मई का राशिफल

06 मई 2024 : आपका जन्मदिन

06 मई 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Forecast May 2024 : नए सप्ताह का राशिफल, जानें किन राशियों की चमकेगी किस्मत (06 से 12 मई तक)

अगला लेख