होली के गीत : रंग-बिरंगे सभी निराले...

शम्भू नाथ
रंग-भंग दोनों चढ़ता है, 
बाबूजी को होली में। 
उछल-कूद जमके करते हैं, 
बाबूजी तब होली में।


 
फाग सुनाते ढोल बजाते, 
बजता झांझ-मंजीरा। 
रंग-बिरंगे सभी निराले, 
लाल-हरा कुछ नीला-पीला।
 
शुभ होली की पहन के टोपी, 
मैं भी नाचूं टोली में। 
उछलकूद जमके करते हैं, 
बाबूजी तब होली में।
 
घर-घर जाके एक-दूजे से, 
अबीर लगा के गले मिलते हैं। 
बड़ों के पांव छोटे छूते हैं, 
नैन नशीले सभी दिखते हैं। 
 
भौजी ताक में मेरे रहती,
मैं छुप जाता खोली में। 
उछलकूद जमके करते हैं, 
बाबूजी तब होली में। 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

हरतालिका तीज के दिन शिव पार्वती पूजा के लिए अष्ट प्रहर मुहूर्त का समय

ऋषि पंचमी कब है, क्या करते हैं इस दिन, पूजा का शुभ मुहूर्त और मंत्र

इस बार गणेश चतुर्थी बुधवार को, कई शुभ योग में स्थापित होंगे गणपति, जानें विसर्जन का मुहूर्त

कब से होंगे गणेश उत्सव प्रारंभ, क्या है गणपति स्थापना और पूजा का शुभ मुहूर्त, मंगल प्रवेश

सितंबर माह 2025 में कब कब है एकादशी?

सभी देखें

धर्म संसार

Hartalika Teej 2025: हरतालिका तीज पर होगा नवपंचम योग का निर्माण, इन 3 राशियों के खुल जाएंगे भग्य

23 अगस्त 2025 : आपका जन्मदिन

23 अगस्त 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

शनि अमावस्या पर करिए ये खास उपाय, हर युक्ति से मिलेगा विशेष लाभ

ऑफिस में किस मुद्रा की गणेश प्रतिमा स्थापित करना चाहिए? जानिए कैसी होनी चाहिए मूर्ति

अगला लेख