Holi का त्योहार मनाने जा रहे हैं तो पहले जान लीजिए होली के ये रोचक नाम

Webdunia
Regional Names of Holi
आप नहीं जानते होंगे होली के ये रोचक नाम एवं ऐतिहासिक महत्व 
 
1. इतिहासकारों का मानना है कि ये पर्व आर्यों में भी प्रचलित था, लेकिन अधिकतर यह पूर्वी भारत में ही मनाया जाता था। अनेक पुरातन धार्मिक पुस्तकों में इस त्योहार के बारे में लिखा हुआ है। इसमें खास तौर पर 'जैमिनी' के पूर्व मीमांसा-सूत्र और कथा गार्ह्य-सूत्र शामिल हैं। नारद पुराण और भविष्य पुराण जैसे पुराणों की प्राचीन हस्तलिपियों और ग्रंथों में भी इस पर्व का उल्लेख मिलता है।

 
आइए जानते हैं होली पर्व से जुड़ी और भी रोमांचक बातें... 
 
2. होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है। यह पर्व हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसी दिन से नववर्ष की शुरुआत भी हो जाती है। इसलिए होली पर्व नवसंवत और नववर्ष के आरंभ का प्रतीक है।
 
3. पहले होली का नाम 'होलिका' या 'होलाका' था। इसके साथ ही होली को आज भी 'फगुआ', 'धुलेंडी', 'दोल' के नाम से जाना जाता है। 
 
4. 'होली' भारत का उमंग, उल्लास के साथ मनाने वाला सबसे प्राचीन त्योहार है।
 
5. प्रसिद्ध मुस्लिम पर्यटक अलबरूनी ने भी अपने ऐतिहासिक यात्रा संस्मरण में होलिकोत्सव का वर्णन किया है। साथ ही भारत के अनेक मुस्लिम कवियों ने अपनी रचनाओं में इस बात का उल्लेख किया है कि होलिकोत्सव केवल हिन्दू ही नहीं 'मुसलमान' भी मनाते हैं।
 
6. अकबर का जोधाबाई के साथ तथा जहांगीर का नूरजहां के साथ होली खेलने का वर्णन इतिहास में है। अलवर संग्रहालय के एक चित्र में जहांगीर को होली खेलते हुए दिखाया गया है। 
 
7. शाहजहां के समय तक होली खेलने का मुगलिया अंदाज़ ही बदल गया था। शाहजहां के जमाने में होली को 'ईद-ए-गुलाबी' या 'आब-ए-पाशी' (रंगों की बौछार) कहा जाता था। 
 
8. शास्त्रीय संगीत का होली से गहरा संबंध है। हालांकि ध्रुपद, धमार और ठुमरी के बिना आज भी होली अधूरी है। वहीं राजस्थान के अजमेर शहर में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर गाए जाने वाले होली के गानों का रंग ही अलग है।
 
 
9. संस्कृत साहित्य में भी होली के कई रूप हैं। जिसमें श्रीमद्भागवत महापुराण में होली को रास का वर्णन किया गया है। महाकवि सूरदास ने वसंत एवं होली पर 78 पद लिखे हैं। 
 
10. मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के बारे में प्रसिद्ध है कि होली पर उनके मंत्री उन्हें रंग लगाने जाया करते थे। वहीं हिन्दी साहित्य में कृष्ण की लीलाओं में भी होली का विस्तार रूप से वर्णन किया गया है।

ALSO READ: होलाष्टक कब है : 2 मार्च से होलाष्टक, 8 दिनों के लिए शुभ कार्य निषेध
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

दुनिया में कितने मुस्लिम इस्लाम धर्म छोड़ रहे हैं?

ज्येष्ठ माह के 4 खास उपाय और उनके फायदे

नास्त्रेदमस ने हिंदू धर्म के बारे में क्या भविष्यवाणी की थी?

भारत ने 7 जून तक नहीं किया पाकिस्तान का पूरा इलाज तो बढ़ सकती है मुश्‍किलें

क्या जून में भारत पर हमला करेगा पाकिस्तान, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र

सभी देखें

धर्म संसार

Saptahik Rashifal 2025: साप्ताहिक राशिफल 09 से 15 जून, जानें नए सप्ताह में किन राशियों के चमकेंगे सितारे

Aaj Ka Rashifal: आज इन 4 राशियों के बिगड़ सकते हैं काम, पढ़ें 08 जून का दैनिक राशिफल

08 जून 2025 : आपका जन्मदिन

08 जून 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

बड़ा महादेव जाकर पूजन करने का क्या है महत्व, कौन सा बोलें मंत्र?

अगला लेख