Masane Holi Varanasi 2024: धधकती चिताओं के बीच महा श्मशान मणिकर्णिका घाट पर खेली भस्म की होली

WD Feature Desk
गुरुवार, 21 मार्च 2024 (15:19 IST)
Masane Holi Varanasi 2024: वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर एक महाश्मशान है। यहां पर रंगभरी एकादशी के दिन मसाने होली खेले जाने की परंपरा है। इसके लिए हजारों की संख्‍या में लोग एकत्रित होते हैं। मसाने होली में भस्म की होली खेली जाती है। इस बार भी धधकती चिताओं के बीच मसाने होली खेली गई। जलती चिताओं की परिक्रमा करने के बाद बाबा मसान नाथ का आशीर्वाद लेकर चिता भस्म की होली शुरू हुई तो बस सब शिव के रंग में रंगे नजर आने लगे।
 
भूतनाथ की मंगल-होरी, 
देखि सिहाएं बिरिज के गोरी, 
धन-धन नाथ अघोरी
दिगंबर खेलैं मसाने में होरी। 
 
Masane Holi Varanasi 2024: चिता भस्म की को चारों ओर उड़ाया गया। होली बाबा विश्वनाथ के भक्तों ने खूब होली खेली। मसान होली खेलें, मसाने में होली दिगंबर (नागा)....के बोलों से पूरा मणिकर्णिका घाट गूंज उठा। इस दौरान हर हर महादेव के जयघोष भी लगे। साथ ही लोगों ने डमरू बजाकर होली का हुड़दंग किया। धधकती चिताओं के बीच भस्म से नहाए हुए देव रूपी कलाकार होली के रंग में रंगे हुए नजर आएं। भूत भावन महादेव जब होली खेलने निकले तो शिवगणों की भी होली हो ली। 
<

#WATCH | Masan Holi being celebrated at Manikarnika Ghat, in Varanasi, Uttar Pradesh.#Holi pic.twitter.com/5OQa5nPmzQ

— ANI (@ANI) March 21, 2024 >
क्यों खेलते हैं मसाने होली : मान्यता है कि रंगभरी एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ अपनी नगरी के भक्तों, देवी-देवताओं के संग अबीर गुलाल संग होली खेलते हैं। और इसके अगले दिन मणिकर्णिका घाट पर बाबा अपने गणों के साथ चिता भस्म की होली खेलते हैं। जिसे मसान होली, भस्म होली और भभूत होली के नाम से भी जाना जाता है।
 
मणिकर्णिका महाश्मशान : मणिकर्णिका घाट के श्मशान को महाश्मशान कहा जाता है। यहां पर एक तरफ धधकती चिताएं तो दूसरी ओर अपने महादेव संग होली खेलने को आतुर शिवगणों का उल्लास देखते ही बन रहा था। चिता भस्म के साथ हवा में उड़ रहे गुलाल ने पूरे माहौल में राग, विराग, प्रेम और उल्लास के रंग घोल दिए थे। 
 
भोले भक्तों ने काशी में रंगभरी एकादशी के अगले दिन महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर मसाने की होली खेलने की परंपरा निभाई गई। मान्यता है कि चिता भस्म की होली बाबा मसान नाथ को प्रसन्न करने के साथ ही शुरू हो जाती है। मसान नाथ की पूजा के बाद दोपहर में रंगों के साथ चिता भस्म की होली मणिकर्णिका घाट पर शुरू हुई तो शिव की नगरी रंगों में डूब गई।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

इस मंदिर में है रहस्यमयी शिवलिंग, दिन में तीन बार बदलता है रंग, वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं रहस्य

कुंभ राशि में अस्त हो रहे हैं शनि, इन 5 राशि वाले जातकों की बढ़ेंगी मुश्किलें

क्या होगा अरविंद केजरीवाल का राजनैतिक भविष्य? क्या कहते हैं उनकी कुंडली के सितारे?

होली पर चंद्र ग्रहण से किन 3 राशियों पर होगा इसका नकारात्मक प्रभाव?

महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर भूलकर भी ना चढ़ाएं ये चीजें, रह जाएंगे भोलेनाथ की कृपा से वंचित

भूकंप से हो जाएगी धरती तबाह, अभी संभलना जरूरी वर्ना...

जानकी जयंती 2025: माता सीता का जन्म कब और कैसे हुआ था?

Mahashivratri 2025: कैसे करें महाशिवरात्रि का व्रत?

Aaj Ka Rashifal: इन 5 राशियों को मिलेगा आज कारोबार में अपार धनलाभ, पढ़ें 17 फरवरी का दैनिक भविष्यफल

17 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

अगला लेख