Holi 2024: होली पर क्यों और कैसे मनाते हैं धुलेंडी

WD Feature Desk
Holi 2024: होलिका दहन के बाद होली के दिन धुलेंडी का पर्व मनाया जाता है। कई राज्यों में इसे होली कहते हैं। धुलेंडी को धुरड्डी, धुरखेल, धूलिवंदन और चैत बदी आदि नामों से जाना जाता है। होली के अगले दिन धुलेंडी को पानी में रंग मिलाकर होली खेली जाती है तो रंगपंचमी को सूखा रंग डालने की परंपरा रही है। कई जगह इसका उल्टा होता है।
 
क्यों मनाते हैं धुलेंडी :
Lunar Eclipse on Holi 2024
कैसे मनाते हैं धुलेंडी :
1. पहले यह होता था कि धुलेंडी के दिन सुबह के समय लोग एक दूसरे पर कीचड़, मिट्टी, मुलतानी मिट्टी या धूल लगाते थे, जिसे धूल स्नान कहते हैं।  पुराने समय में शाम के समय धुलेंडी के दिन टेसू के फूलों का रंग बनाकर एक दूसरे पर लगाया जाता था। अब यह नहीं होता है।
 
2. इस दिन लोग एकजुट होकर अपने परिचितों या समाजजनों के उन घरों में रंग डालने जाते हैं जहां पर किसी की मृत्यु हो गई हो और उस घर की यह पहली होली हो। घर में रंग डालकर सभी को सूखा गुलाल लगाकर घर में गमी के माहौल को खत्म कर खुशी का माहौल बनाया जाता है। इससे घर का शुद्धिकरण भी होने की मान्यता है।
 
3. इस दिन ढोल बजा कर होली के गीत गाए जाते हैं और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है। एक दूसरे को रंगने और गाने-बजाने का दौर दोपहर तक चलता है। इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहनकर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं।
 
3. ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं। गले मिलकर एक दूसरे को मिठाइयां खिलाते हैं।
 
4. राग-रंग के बाद कुछ लोग भांग खाते हैं और कुछ लोग भजिये या गुझिया बनाकर ठंडाई का मजा लेते हैं। गुझिया होली का प्रमुख पकवान है जो कि मावा (खोया) और मैदा से बनती है और मेवाओं से युक्त होती है इस दिन कांजी के बड़े खाने व खिलाने का भी रिवाज है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पीपल की पूजा के पीछे क्या है लॉजिक, क्या सच में होता है भूत-प्रेत का वास या कुछ और है चमत्कार, जानिए सच्चाई

सावन में भोलेनाथ के इन 10 गुणों को अपनाकर आप भी पा सकते हैं स्ट्रेस और टेंशन से मुक्ति

सत्य शिव हैं, अनंत शिव हैं...हर मन में बसे भगवंत शिव हैं, भक्ति से सराबोर सावन की शुभकामनाएं

क्या सितंबर में मोदी जी छो़ड़ने वाले हैं पद, यदि ऐसा है तो फिर कौन बनेगा नया पीएम?

विश्व का एकमात्र ज्योतिर्लिंग जहां हर रात शयन के लिए आते हैं भोलेनाथ और माता पार्वती, साथ खेलते हैं चौपड़

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: आज किन राशियों के जीवन में होंगे अचानक खास बदलाव, पढ़ें 16 जुलाई का ताजा राशिफल

सावन के व्रत में साबूदाना खिचड़ी की जगह रोज खा सकते हैं ये डिश, टेस्ट के साथ मिलेगा हेल्थ बेनिफिट भी

16 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

क्या है नंदी मुद्रा जिसमें महिलाओं को करनी चाहिए शिवलिंग पूजा

16 जुलाई 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख