गांव की खुशबू से महकाएं आंगन

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अपने घरौंदे को आप गांव की थीम पर भी सजा सकते हैं।

कांच वर्क से सजे मांडने दीवारों पर सजाने के साथ ही जमीन पर भी गेरू और खड़ी के साथ बारीक-बारीक मांडनों के डिजाइन बनवाए जा सकते हैं।

या तो इसे घर का कोई सदस्य हॉबी क्लास में जाकर सीख सकता है या फिर इसे प्रोफेशनल कलाकारों से भी फीस देकर करवाया जा सकता है।

बाजार में रंगबिरंगी कठपुतलियां मिलती हैं। इन्हें दरवाजे और ड्रॉइंग रूम में ‍लगाया जा सकता है।

चुनरी प्रिंट के फेब्रिक से जहां पर्दे व बेडशीट खास ग्रामीण लुक का आभास करवा सकते हैं वहीं कॉर्नर सेटिंग पर बालू रेत से बने रेगिस्तान पर बैलगाड़ी, ऊंट, हाथ, घोड़े, चि‍ड़‍िया, तोते, मोर जैसे हस्तशिल्प के डेकोरेटिव पीस रखे जा सकते हैं।

मेहमानों के लिए रिटर्न गिफ्ट में देने के लिए कठपुतली के की-चैन और पान मसाले की पारंपरिक पोटलियां रखने से आने वाला आपकी मेहमाननवाजी कभी नहीं भूल पाएगा।

फूड आयटम्स में भी राजस्थानी घेवर, रबड़ी, बूंदी के लड्डू के साथ ही घर को गांव के कल्चर में ढालने के लिए इमली, हप्पा रेवड़ी आदि भी रखे जा सकते हैं।

घर अगर बड़ा है तो नदी और बगिया जैसे लुक का भी प्रयोग कर सकते हैं। घर में फर्नीचर की जगह गद्दे, तकिए और मसनद भी रखे जा सकते हैं।

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