बच्‍चे का स्‍टडी रूम हो ऐसा

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पढ़ने के लिए पूर्व-पश्चिम दिशा से बना कोण ईशान कोण ही महत्वपूर्ण होता है। यदि बच्चा इस दिशा में बैठकर पढ़ता है तो उसकी एकाग्रता भी बढ़ेगी और उसे सब आसानी से याद हो जाएगा। वास्तु विशेषज्ञ के अनुसार जिस कमरे में बच्चा पढ़ता है उसे आग्नेय यानी पूर्व और दक्षिण एवं वायु अर्थात् उत्तर व पश्चिम दिशा में बिलकुल भी नहीं होना चाहिए।

आग्नेय कोण में होने से बच्चा चिड़चिड़ा होता है और वायु कोण में पढ़ने से उसका मन भटकता है। अतः कोशिश करें कि बच्चा कम से कम परीक्षा के दिनों में पूर्व दिशा में ही बैठकर पढ़े। बच्चा जहाँ पढ़ता है उससे पाँच-छः फीट की दूरी तक कोई दीवार नहीं होना चाहिए।

दीवार की जगह खिड़की या खुला हुआ भाग हो तो अच्छा है। इसके साथ ही पढ़ने के कमरे के साथ बैग, कम्पास या हरे रंग का पेन हो तो बच्चे में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और बच्चे का पढ़ाई में मन लगता है। बुद्धि के विकास के लिए हरा रंग बहुत शुभ माना गया है।
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